प्रकृति मां को है ‘जीवित प्राणी’ के समान कानूनी अधिकार-मद्रास हाईकोर्ट

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मद्रास उच्च न्यायालय (Madras High Court) की मदुरई बेंच ने प्रकृति के संरक्षण के लिए ‘प्रकृति मां’ (Mother Nature) को कानूनी अधिकार (legal entity) वाले जीवित प्राणी (living being) का दर्जा देने के वास्ते संरक्षक के क्षेत्राधिकार का उपयोग करते हुए उसे एक जीवित व्यक्ति के सभी अधिकारों, कर्तव्यों और दायित्वों से लैस किया है।

क्या कहा मद्रास उच्च न्यायालय ने ?

  • उच्च न्यायालय की मदुरै पीठ ने तहसीलदार स्तर के एक पूर्व अधिकारी की याचिका पर अपने हालिया आदेश में प्रकृति संरक्षण को व्यापक महत्व दिया है।
  • उच्च न्यायालय ने निर्देश दिया कि सभी प्राकृतिक चीजों को वही अधिकार, कर्तव्य, देनदारियां, मूलभूत अधिकार और कानूनी अधिकार प्राप्त होंगे जो जीवित मानव को मिलते हैं, जिससे उनकी संरक्षण और रक्षा की जा सके।
  • इस आदेश में कहा गया है कि इन चीजों को पहुंचाए गए नुकसान को किसी इंसान को पहुंचाये गए नुकसान के समान ही माना जाएगा। साथ ही अदालत ने राज्य सरकार और केंद्र सरकार को निर्देशित करते हुए कहा कि प्रकृति की रक्षा के लिए उचित कदम उठाएं।
  • मद्रास उच्च न्यायालय की न्यायमूर्ति एस श्रीमति ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के पहले के एक फैसले का हवाला दिया। उस फैसले में उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने ‘पैरेंस पैट्रिया क्षेत्राधिकार’ (parens patriae jurisdiction’) को लागू किया था।
  • उत्तराखंड उच्च न्यायालय ने गंगोत्री और यमुनोत्री नदियों सहित ग्लेशियरों को संरक्षित करने के लिए कानूनी संस्थाओं के रूप में घोषित किया था। हालांकि सर्वोच्च न्यायायलय ने उत्तराखंड उच्च न्यायालय के फैसले को रद्द कर दिया था।
  • मद्रास उच्च न्यायालय ने कहा कि पिछली पीढ़ियों ने धरती मां को उसकी प्राचीन महिमा में सौंप दिया है और हम नैतिक रूप से इसे अगली पीढ़ी को सौंपने के लिए बाध्य हैं।
  • वन पोराम्बोक भूमि मामले में मद्रास उच्च न्यायालय ने तहसीलदार की अनिवार्य सेवानिवृत्ति की सजा को संशोधित करते हुए वेतन वृद्धि को रोकने के रूप में संशोधित कर दिया । न्यायाधीश ने कहा कि यह सजा प्रकृति के खिलाफ किए गए कृत्य के लिए लगाई गई है।

क्या है पैरेंस पैट्रिया (parens patriae) ?

  • लैटिन में पैरेंस पैट्रिया का अर्थ है “राष्ट्र के माता-पिता”।
  • कानून में, यह एक अपमानजनक या लापरवाह माता-पिता, कानूनी अभिभावक या अनौपचारिक देखभाल करने वाले के खिलाफ हस्तक्षेप करने और सुरक्षा की आवश्यकता वाले किसी भी बच्चे या व्यक्ति के माता-पिता के रूप में कार्य करने के लिए सरकार को जिम्मेदारी दी जाती है।
  • माता-पिता के अधिकार क्षेत्र को कभी-कभी ‘पर्यवेक्षी’ कहा जाता है।
  • Parens Patriae के सिद्धांत की उत्पत्ति 13 वीं शताब्दी में यूनाइटेड किंगडम में हुई थी। इसका तात्पर्य यह है कि राष्ट्र के संरक्षक के रूप में राजा उन लोगों के हितों की देखभाल करने के लिए बाध्य है जो स्वयं की देखभाल करने में असमर्थ हैं।

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