पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों पर कब्जा करने की घोषणा की
रूस के राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन ने यूक्रेन के चार क्षेत्रों को औपचारिक रूप से रूस में शामिल करने के लिए 30 सितंबर को क्रेमलिन में एक संधि पर हस्ताक्षर किए हैं।
यूक्रेन के कब्जे वाले हिस्सों के विलय की घोषणा राजधानी मास्को के सेंट जॉर्ज हॉल में क्रेमलिन द्वारा आयोजित समारोह में पुतिन ने की। ‘जनमत संग्रह’ (referenda) 23 से 27 सितंबर के बीच लुहान्स्क (Luhansk), डोनेट्स्क (Donetsk), खेरसॉन (Kherson) और ज़ापोरिज्जिया (Zaporizhzhya) के कुछ हिस्सों में हुआ जो रूस के अस्थायी नियंत्रण में हैं।
ये चार क्षेत्र रूस और क्रीमियन प्रायद्वीप के बीच एक महत्वपूर्ण भूमि गलियारा बनाते हैं।
बता दें कि रूस ने वर्ष 2014 में क्रीमियन प्रायद्वीप पर कब्जा कर लिया गया था। क्रीमिया सहित सभी पांच क्षेत्र यूक्रेन का लगभग 20% हिस्सा है।
सुरक्षा परिषद में निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत ने दूरी बनाई
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में यूक्रेन के चार नए इलाकों पर रूस के कब्ज़े और वहां जनमत संग्रह के ख़िलाफ़ पेश किए गए निंदा प्रस्ताव पर वोटिंग से भारत ने दूरी बनाई है। राष्ट्रपति व्लादिमीर पुतिन द्वारा चार यूक्रेनी क्षेत्रों के रूस में विलय की घोषणा के बाद अमेरिका, संयुक्त राष्ट्र समेत अन्य देशों ने इसकी कड़ी निंदा की।
संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद में इस विषय पर रूस की निंदा के प्रस्ताव पर वोटिंग हुई, जिसे रूस ने वीटो कर दिया। इस तरह यह प्रस्ताव पारित नहीं हो सका।
15 देशों की सदस्यता वाली सुरक्षा परिषद के दस देशों ने रूस के कब्ज़े के ख़िलाफ़ लाए गए मसौदा प्रस्ताव पर वोटिंग की लेकिन चीन, गेबन, भारत और ब्राज़ील मतदान के दौरान अनुपस्थित रहे।
सुरक्षा परिषद में प्रस्ताव पर वोटिंग से दूर रहने के भारत के रुख को स्पष्ट करते हुए संयुक्त राष्ट्र में स्थायी प्रतिनिधि रुचिरा कंबोज ने कहा कि उनका देश यूक्रेन में तुरंत हिंसा और लड़ाई रोकने की मांग करता है। सिर्फ बातचीत से ही मतभेद और विवाद खत्म हो सकते हैं. भले ही वो फिलहाल कितना भी मुश्किल क्यों न लगे।