पुणे मेट्रो रेल परियोजना का उद्घाटन
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 6 मार्च को पुणे मेट्रो रेल परियोजना का उद्घाटन किया। उन्होंने इसकी आधारशिला भी रखी और पुणे में कई विकास परियोजनाओं का उद्घाटन किया।
- यह शहर में मौजूदा 12 प्रतिशत की सार्वजनिक परिवहन हिस्सेदारी और देश में सबसे अधिक दोपहिया वाहनों की संख्या के साथ सार्वजनिक परिवहन परिदृश्य के उन्नयन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम होगा और इससे दैनिक मेट्रो सवारों की संख्या धीरे-धीरे बढ़कर 6 लाख प्रति दिन होने की उम्मीद है।
- मल्टी-मॉडल एकीकरण: इसका प्रमुख लाभ रेलवे स्टेशनों, अंतरराज्यीय सिटी बस स्टॉप, हवाई अड्डे और शहर के संस्थागत, औद्योगिक, शैक्षिक तथा स्वास्थ्य केंद्रों, खरीदारी और प्रमुख मनोरंजन स्थलों जैसे लोगों की अधिक आवाजाही वाले अन्य क्षेत्रों के साथ मेट्रो स्टेशनों का निर्बाध मल्टी-मॉडल एकीकरण है।
- आर्थिक विकास के उत्प्रेरक: मेट्रो कॉरिडोर के साथ विभिन्न वाणिज्यिक परिसर के विकास को देखते हुए आर्थिक विकास का होना निश्चित है। इसके लिए महा मेट्रो पहले से ही स्वारगेट, सिविल कोर्ट, रेंज हिल्स, वनाज़ और भोसरी में संपत्ति विकास परियोजना शुरू कर रही है।
- पुणे मेट्रो रेल परियोजना को दिसंबर 2016 में भारत सरकार (जीओआई) और महाराष्ट्र सरकार (जीओएम) द्वारा मंजूरी दी गई थी और 24 दिसंबर 2016 को प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने इसकी आधारशिला रखी थी। परियोजना का काम 3 मई 2017 को शुरू हुआ था।
- पुणे मेट्रो रेल परियोजना में दो कॉरिडोर, उत्तर-दक्षिण कॉरिडोर (पर्पल लाइन) और ईस्ट-वेस्ट कॉरिडोर (एक्वा लाइन) शामिल हैं। इनकी कुल लंबाई 33.2 किमी है और इस दौरान 30 स्टेशन हैं। एलिवेटेड सेक्शन की लंबाई 27.2 किमी. और भूमिगत सेक्शन की लंबाई 6 किमी. है। रेंज हिल्स और वनाज़ में 2 रख-रखाव डिपो हैं। एक बार पूरी तरह से चालू हो जाने पर, इसकी सेवाएं तीन कार ट्रेन वाले 34 मेट्रो ट्रेनों के साथ उपलब्ध कराई जाएगी।