पहले स्वदेशी हाइड्रोजन ईंधन वाले इलेक्ट्रिक जहाज के निर्माण की योजना का अनावरण

केन्‍द्रीय बंदरगाह, नौवहन और जलमार्ग मंत्री श्री सर्बानंद सोनोवाल ने 30 अप्रैल को कोच्चि में मैरीटाइम ग्रीन ट्रांज़िशन के साथ तालमेल रखते हुए इसके लिए ग्लोबल हाइड्रोजन फ्यूल इलेक्ट्रिक वेसल्स का निर्माण करने की सरकार की योजना का अनावरण किया।

  • हाइड्रोजन ईंधन सेल का उपयोग परिवहन, वस्‍तुओं के संचालन, स्थिर, पोर्टेबल, और आपातकालीन बैकअप पावर एप्‍लीकेशनों सहित एप्‍लीकेशनों की एक विस्तृत श्रृंखला में किया जा सकता है।
  • हाइड्रोजन ईंधन पर चलने वाले ईंधन सेल एक प्रभावी, पर्यावरण के अनुकूल, शून्य उत्सर्जन, डायरेक्‍ट करेंट पावर स्रोत है जो पहले से ही अत्‍यधिक टिकाऊ बस, ट्रक और ट्रेन एप्‍लीकेशनोंमें पहले से ही प्रयोग में लाया जा रहा हैऔर अब समुद्री एप्‍लीकेशनों केलिए उनमें सुधार किया जा रहा है।
  • हाइड्रोजन फ्यूल सेल वेसल कम तापमान प्रोटॉन एक्सचेंज मेम्ब्रेन टेक्नोलॉजी (एलटी-पीईएम) पर आधारित हैं, जिसे फ्यूल सेल इलेक्ट्रिक वेसल (FCEV) कहा जाता है, की जिसकी लागत लगभग 17.50 करोड़ रुपये होने की उम्मीद है, जिसमें से 75 प्रतिशत भारत सरकार द्वारा वित्त पोषित किया जाएगा।
  • राष्ट्रीय और अंतरराष्ट्रीय स्तर पर तटीय और अंतर्देशीय जहाजों के खंड में मौजूद विशाल अवसरों का दोहन करने के लिए हाइड्रोजन ईंधन वाले इलेक्ट्रिक वेसल्स के विकास को देश के लिए एक लॉन्चपैड के रूप में माना जाता है।
  • इस परियोजना से 2070 तक कार्बन न्यूट्रल बनने के प्रधानमंत्री के महत्वाकांक्षी लक्ष्‍य को प्राप्त करने और अंतर्राष्ट्रीय समुद्री संगठन (आईएमओ) द्वारा निर्धारित मानकों के अनुपालन में राष्ट्र के प्रयासों के बढ़ने की उम्मीद है जिससे अंतरराष्ट्रीय शिपिंग की कार्बन तीव्रता 2030 तक कम होकर 40 प्रतिशत और 2050 तक 70 प्रतिशत कम करने की परिकल्पना है।

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