न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड के लिए GSAT-24 सैटेलाइट का सफल प्रक्षेपण
भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) की वाणिज्यिक शाखा न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) के लिए बनाए गए संचार उपग्रह जीसैट-24 (GSAT-24) का फ्रेंच गुयाना (दक्षिण अमेरिका) के कोउरू (Kourou) से 23 जून को सफल प्रक्षेपण किया गया।
फ्रांसीसी कंपनी एरियनस्पेस के एरियन-5 रॉकेट (Ariane-V VA257) के जरिए GSAT-24 को उसकी निर्धारित भूस्थैतिक कक्षा में सफलतापूर्वक स्थापित किया गया है।
GSAT-24 उपग्रह 24-केयू बैंड वाला एक संचार उपग्रह है, जिसका वजन 4180 किलोग्राम है। ‘डायरेक्ट-टू-होम’ (DTH) सेवा प्रदाता कंपनी टाटा प्ले को इस संचार उपग्रह की पूरी क्षमता का उपयोग करने की स्वीकृति दी गयी है। NSIL ने ‘टाटा प्ले’ को यह क्षमता लीज पर दी है।
न्यूस्पेस इंडिया लिमिटेड (NSIL) का गठन मार्च 2019 में किया गया था। यह भारत सरकार के अंतरिक्ष विभाग के तहत एक केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र का उद्यम है और इसरो की वाणिज्यिक शाखा है।
जून 2020 में सरकार द्वारा घोषित ‘‘अंतरिक्ष सुधारों’’ के तहत NSIL को ‘‘मांग आधारित’’ (demand driven) मॉडल पर उपग्रह मिशन शुरू करने की जिम्मेदारी दी गयी थी।
NSIL के पास उपग्रहों के निर्माण, प्रक्षेपण, स्वामित्व और संचालन तथा अपने ग्राहकों को सेवाएं प्रदान करने की जिम्मेदारी है। एरियन-5 रॉकेट के जरिए GSAT-24 समेत मलेशियाई ऑपरेटर MEASAT के लिए MEASAT-3d को भी सफलतापूर्वक उनकी निर्धारित कक्षाओं में प्रक्षेपित किया गया है।
“मांग-संचालित (demand driven) ‘मोड का मूल रूप से मतलब है कि जब उपग्रह लॉन्च किया जाता है, तो यह पता होता हिअ कि इसका अंतिम ग्राहक कौन होने जा रहे हैं (जैसे इस मामले में टाटा प्ले) और किस तरह का उपयोग और प्रतिबद्धता है ताकि कक्षा में जाने के बाद इस उपग्रह क्षमता का बहुत प्रभावी उपयोग कर सकें।
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