नैनो यूरिया के उत्पादन और बिक्री की प्रगति की समीक्षा

केंद्रीय रसायन और उर्वरक मंत्री, डॉक्टर मनसुख मांडविया ने वित्त वर्ष 2022-23 के लिए नैनो यूरिया (तरल) के उत्पादन और बिक्री की प्रगति की समीक्षा की। 1 अप्रैल, 2022 से 10 अगस्त, 2022 की अवधि के दौरान 1.23 करोड़ बोतल नैनो यूरिया का उत्पादन और प्रेषण हुआ है। वित्त वर्ष 2022-23 के दौरान नैनो यूरिया की करीब 6.0 करोड़ बोतल का उत्पादन कर किसानों को उपलब्ध कराया जाएगा। ये 6.0 करोड़ बोतलें पारंपरिक यूरिया की 27 लाख एमटी मात्रा के बराबर होंगी।

नैनो यूरिया संयंत्र

प्रधान मंत्री ने गुजरात के कलोल में देश के पहले तरल नैनो यूरिया संयंत्र (liquid nano urea) का आधिकारिक रूप से उद्घाटन किया था। देश भर में ऐसे आठ और नैनो यूरिया संयंत्र स्थापित किए जाएंगे। इफको द्वारा बनाया गया नैनो यूरिया देश में कृषि के लिए गेम चेंजर साबित होने की क्षमता रखता है।

भारत नैनो यूरिया का व्यावसायिक उत्पादन शुरू करने वाला विश्व का पहला देश बन गया है। कलोल प्लांट की स्थापना इंडियन फार्मर्स फर्टिलाइजर कोऑपरेटिव लिमिटेड (IFFCO) ने 175 करोड़ रुपये के निवेश से की है। वर्तमान में, इस संयंत्र में प्रति दिन नैनो यूरिया की 500 मिलीलीटर क्षमता की 1/5 लाख बोतलें बनाने की क्षमता है, जिसे और बढ़ाया जा सकता है।

नैनो यूरिया स्वदेश में विकसित किया गया एक खास नैनो उर्वरक है। नैनो यूरिया का उत्पादन कम कार्बन फुटप्रिंट वाली ऊर्जा दक्ष पर्यावरण अनुकूल उत्पादन प्रक्रिया द्वारा किया जाता है।

मिट्टी की जगह पत्तों के जरिए उर्वरक देने से ये फसलों की उत्पादकता को 8 प्रतिशत तक बढ़ाता है. और बेहतर मिट्टी, हवा और पानी के साथ किसानों को ऊंचा लाभ प्रदान करता है। उत्पादन और बिक्री के साथ-साथ नैनो यूरिया के उपयोग को बढ़ाने से समय के साथ ग्रीन हाउस गैस (जीएचजी) उत्सर्जन में कमी आएगी।

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