नीलमणि फूकन 56वें ज्ञानपीठ पुरस्कार से सम्मानित
प्रसिद्ध असमिया कवि नीलमणि फूकन (Nilamani Phookan) को 11 अप्रैल को गुवाहाटी में देश के सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार ज्ञानपीठ (Jnanpith award ) से सम्मानित किया गया।
- यह पुरस्कार पहली बार गुवाहाटी में प्रदान किया गया।
- प्रसिद्ध कवि फूकन को दिसंबर 2021 में 56वें ज्ञानपीठ पुरस्कार देने की घोषणा की गयी थी। श्री फुकन की उल्लेखनीय कृतियों में ‘जुर्ज्या हेनु नामी आहे ए नोडियेदी’, ‘कबीता’ और ‘गुलापी जमुर लग्न’ शामिल हैं।
- 88 वर्षीय फूकन असम से ज्ञानपीठ पुरस्कार जीतने वाले तीसरे व्यक्ति हैं। उनसे पहले ममोनी रोइसम गोस्वामी और बीरेंद्र कुमार भट्टाचार्य ने पुरस्कार जीता था और उन्हें दिल्ली में सम्मानित किया गया था।
ज्ञानपीठ पुरस्कार
- देश का सर्वोच्च साहित्यिक पुरस्कार, ज्ञानपीठ लेखकों को “साहित्य में उनके उत्कृष्ट योगदान” के लिए दिया जाता है।
- ज्ञानपीठ पुरस्कार भारतीय ज्ञानपीठ द्वारा प्रदान किया जाता है जिसकी स्थापना साहू शांति प्रसाद जैन द्वारा की गई थी।
- पहला ज्ञानपीठ पुरस्कार 1965 में मलयाली भाषा के जी.एस. कुरूप को प्रदान किया गया था।
- ज्ञानपीठ पुरस्कार के तहत 11 लाख रुपए की राशि पुरस्कार स्वरूप प्रदान की जाती है।
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