निर्वाचन आयोग ने 111 पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों (RUPPs) को सूची से हटाया
निर्वाचन आयोग ने पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों (Registered Unrecognised Political Parties: RUPPs) द्वारा उचित परिपालनों को सुनिश्चित करने के लिए 25 मई 2022 को एक आदेश जारी किया। इस आदेश में मुख्य निर्वाचन अधिकारियों को निर्देश दिया गया कि वे पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों द्वारा जनप्रतिनिधित्व अधिनियम 1951 के प्रासंगिक अनुच्छेद 29A तथा 29C का उचित परिपालनों के लिए कार्रवाई प्रारंभ करें।
25 मई 2022 को 87 अस्तित्वहीन पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों को सूची से हटाए जाने के बाद दूसरे चरण में आयोग ने 20 जून 2022 को 111 अतिरिक्त पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त दलों को निर्वाचन आयोग के रजिस्टर की सूची से हटाने का निर्णय लिया।
इन 111 पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक दलों ने अनुच्छेद 29A (4) और अनुच्छेद 29A (9) का परिपालन नहीं किया था।
अनुच्छेद 29A (4) में पंजीकरण के लिए आवश्यक पत्र-व्यवहार का पता देने का प्रावधान है और अनुच्छेद 29A (9) में पत्र व्यवहार के पते में किसी तरह के परिवर्तन की जानकारी आयोग को देने का प्रावधान है।
मुख्य निर्वाचन अधिकारियों ने बताया है कि सत्यापन पर ऐसे पंजीकृत गैर-मान्यताप्राप्त राजनीतिक दल अस्तित्व में नहीं पाए गए हैं या 25.05.2022 के आयोग के आदेश के अनुसार इन राजनीतिक दलों को भेजे गए पत्र डाक विभाग ने बिना प्राप्ति के वापस कर दिया है।
जबकि चुनाव आयोग के पास जनप्रतिनिधित्व अधिनियम, 1951 के तहत राजनीतिक दलों को पंजीकृत करने की शक्ति है, लेकिन इसके पास निष्क्रिय पार्टियों का पंजीकरण रद्द करने की शक्ति नहीं है।
आयकर अधिनियम, 1961, राजनीतिक दलों को दान की गई किसी भी आय को कर से छूट देता है। प्राप्तकर्ता पक्ष को भी कोई आयकर का भुगतान नहीं करना पड़ता है। इसके अलावा, 2,000 रुपये से कम राशि गुमनाम रूप से दान की जा सकती है।
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