नरसिंगपेट्टई नागस्वरम को मिला GI टैग

File image, nagaswaram, Image credit: Wikimedia Commons

तमिलनाडु के नरसिंगपेट्टई नागस्वरम (Narasingapettai Nagaswaram ) संगीत वाद्ययंत्र को ‘वर्ग 15 के संगीत वाद्ययंत्र’ के तहत भौगोलिक संकेतक (GI) टैग प्रदान किया गया है।

  • नागस्वरम की अनूठी विशेषता इसकी उत्पादन प्रक्रिया है – यह अन्य मशीन-निर्मित यंत्रों के विपरीत, तंजावुर में कुंभकोणम के पास नरसिंगपेट्टई गांव में हस्तनिर्मित वाद्य यंत्र है।
  • भारत सरकार की भौगोलिक संकेत रजिस्ट्री ने तंजावुर म्यूजिकल इंस्ट्रूमेंट्स वर्कर्स कोऑपरेटिव कॉटेज इंडस्ट्रियल सोसाइटी लिमिटेड के एक आवेदन के आधार पर मान्यता प्रदान की है।
  • नादस्वरम एक ‘मंगल वधियम’ (शुभ यंत्र) है। इसकी उत्पत्ति नरसिंगपेट्टई क्षेत्र में मायावरम के निकट एक गाँव में हुई थी।
  • परंपरागत रूप से, नादस्वरम को आचा मारम (हार्डविकिया बिनेट, इंडियन ब्लैकवुड-Hardwickia binate , Indian Blackwood) से बनाया जाता है। नागस्वरम के कारीगर लकड़ी , एक प्रकार की आबनूस, को बुद्धिमानी से चुनते हैं , यह सुनिश्चित करते हुए कि यह 200 साल पुरानी हो, और जो नमी को अवशोषित नहीं करती है।
  • इस वाद्य यंत्र के शीर्ष भाग में एक धातु का स्टेपल होता है जिसमें बेंत से बने मुखपत्र को पकड़ने के लिए एक छोटा धातु का सिलेंडर डाला जाता है।
  • नरकट/बेंत स्थानीय रूप से उगाए जाने वाले पौधे की पत्तियों से बनाए जाते हैं जिन्हें ‘नानल’ (बांस की एक किस्म) कहा जाता है। कारीगरों के अनुसार एक नागस्वरम को बनाने में तीन दिन और तीन कारीगर लगते हैं।

GS टाइम्स UPSC प्रीलिम्स (PT) करेंट अफेयर्स, पर्यावरण और टर्म्स आधारित दैनिक ऑनलाइन टेस्ट के लिए यहाँ क्लिक करें  

यूपीपीसीएस, बीपीएससी, आरपीएससी, जेपीएससी, एमपीपीएससी पीटी परीक्षा के लिए दैनिक करंट अफेयर्स क्विज यहां क्लिक करें

JOIN GS TIMES IAS(UPSC) PRELIMS 365/15 ONLINE TEST SERIES GS-1 HINDI AND ENGLISH

error: Content is protected !!