देश में 11वीं कृषि गणना का शुभारंभ

केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्री श्री नरेंद्र सिंह तोमर ने 28 जुलाई को देश में ग्यारहवीं कृषि गणना/ Eleventh Agricultural Census (2021-22) का शुभारंभ किया। कृषि गणना 5 वर्ष में की जाती है, जो कोरोना महामारी के कारण अब होगी। कृषि गणना का फील्ड वर्क अगस्त 2022 में शुरू होगा। यह पहला अवसर है जब कृषि गणना के लिए डाटा संग्रह स्मार्ट फोन और टैबलेट पर किया जाएगा, जिससे कि समय पर डाटा उपलब्ध हो सके।

अधिकांश राज्यों ने अपने भू-अभिलेखों और का डिजिटलीकरण किया है, जिससे कृषि गणना के आंकड़ों के संग्रहण में और तेजी आएगी। डिजिटलीकृत भूमि रिकॉर्ड का उपयोग और डाटा संग्रह के लिए मोबाइल ऐप के उपयोग से देश में प्रचालनात्‍मक जोत धारकों का डाटाबेस तैयार किया जा सकेगा।

पिछली गणना

पिछली गणना के अनुसार, परिचालन भूमि जोत (operational land holdings) के आधार पर किसानों की संख्या 14.65 करोड़ आंकी गई थी। बाद में कई राज्यों में, किसानों की अनुमानित संख्या वास्तविक संख्या से काफी कम पाई गई, जो पीएम किसान योजना के शुभारंभ के बाद सामने आई, जो जमीन के मालिक किसानों के आधार से जुड़े सत्यापन पर आधारित है।

उदाहरण के लिए, कृषि गणना ने परिचालन जोत को 10.93 लाख रखा है जबकि पीएम किसान के आंकड़ों से पता चलता है कि ऐसे 23.76 लाख किसान थे, जिसमें अपात्र किसानों को शामिल नहीं किया गया था।

सरकार ने यह सुनिश्चित किया है कि डेटा संग्रह का आधार परिचालन होल्डिंग्स पर बना रहेगा न कि स्वामित्व होल्डिंग पर। कृषि गणना विभिन्न मापदंडों पर जानकारी का मुख्य स्रोत है, जैसे संख्या और क्षेत्र, परिचालन जोत, उनका आकार, वर्गवार वितरण, भूमि उपयोग, किरायेदारी और फसल पैटर्न।

कृषि गणना का इतिहास

कृषि पर आँकड़ों के महत्व को समझते हुए, अंतर्राष्ट्रीय कृषि संस्थान ने 1930 में कृषि की विश्व गणना (World Census of Agriculture: WCA) के लिए पहला कार्यक्रम आयोजित किया।

संयुक्त राष्ट्र का खाद्य और कृषि संगठन (FAO) वर्ष 1950 से कृषि की गणना के लिए दशकीय विश्व कार्यक्रम (डब्ल्यूसीए) की तैयारी और इसकी वकालत करता रहा है।

देश में वर्ष 1970-71 में शुरू हुई कृषि गणना, पांच साल में एक बार आयोजित की जाती है। आखिरी बार 2015-16 में किया गया था। कोविड-19 महामारी के प्रकोप के बाद 11वें दौर के लिए समय पर डेटा संग्रह शुरू नहीं किया जा सका।

कृषि और किसान कल्याण मंत्रालय के तहत के तहत कृषि और किसान कल्याण विभाग, मानक अवधारणाओं, परिभाषाओं और कार्यप्रणाली का पालन करते हुए राज्यों / केंद्रशासित प्रदेशों के सहयोग से भारत में कृषि गणना आयोजित करता है।

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