दशपारा-भारत का पहला जैव गांव
त्रिपुरा सरकार ने देश में पहले पांच जैव-गांवों को डिजाइन और स्थापित किया है। इन 5 गांवों में दशपारा (Daspara) भारत का पहला जैव गांव (India’s 1st Bio-Village) है।
बता दें कि त्रिपुरा सरकार सतत विकास, जलवायु परिवर्तन शमन और जलवायु अनुकूलन को समेकित करते हुए पांच ‘जैव-गांव’ (Bio-Villages) स्थापित करने में सफल रही है।
राज्य के उपमुख्यमंत्री ने अपने आधिकारिक फेसबुक पेज पर साझा ‘भारतीय राज्यों से जलवायु कार्रवाई पर सर्वोत्तम अभ्यास के कोपेन्डियम (Copendium of Best Practice on Climate Action from Indian states)’ किया है। इसके अनुसार त्रिपुरा में, 500 से अधिक घरों को पांच ‘जैव-गांवों’ के सफल कार्यान्वयन से लाभ पहुंचा है, जबकि चार अन्य गांव कार्यान्वयन के चरण में हैं ।
जैव गांव के प्रत्येक परिवार को प्रति माह 5,500 रुपये का आर्थिक लाभ मिल रहा है।
जैव-ग्राम की अवधारणा को पहली बार त्रिपुरा सरकार के जैव प्रौद्योगिकी निदेशालय द्वारा 2018 में जैविक खेती को बढ़ावा देने के प्राथमिक उद्देश्य के साथ शुरू किया गया था।
हालाँकि, जैसे-जैसे पहल विकसित हुई, बायोगैस, पशुधन की बेहतर नस्ल, सौर ऊर्जा से चलने वाले कृषि उपकरण और ऊर्जा की बचत करने वाले विद्युत उपकरणों जैसे घटकों को इस परियोजना के दायरे को व्यापक बनाने के लिए शामिल किया गया ताकि इसे जलवायु-स्मार्ट बनाया जा सके।
जैव ग्राम परियोजना (bio village project) का मुख्य उद्देश्य जलवायु अनुकूल प्रौद्योगिकियों के उपयोग के माध्यम से ग्रामीण समुदायों के बीच समग्र सामाजिक-आर्थिक विकास सुनिश्चित करना है, जो शमन और अनुकूलन (mitigation and adaptation) दोनों पर केंद्रित हो।