ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन: ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने का निर्देश
सुप्रीम कोर्ट ने 26 सितंबर को आगरा विकास प्राधिकरण को यूनेस्को की विश्व धरोहर स्थल ताजमहल के 500 मीटर के दायरे में सभी व्यावसायिक गतिविधियों को रोकने का निर्देश दिया।
ताजमहल के 500 मीटर के दायरे के बाहर आवंटित जगह पर स्थित दुकानदारों के एक समूह ने एक याचिका दायर किया था। इनके अधिवक्ता एमसी ढींगरा का कहना था कि ताजमहल के पश्चिमी द्वार के पास अवैध व्यवसाय पनप रहे हैं, जो कि अदालत द्वारा जारी पिछले आदेशों का घोर उल्लंघन है।
उन्होंने अदालत से ऐसी सभी गतिविधियों पर अंकुश लगाने के लिए आदेश जारी करने और अधिकारियों को निर्देशों का पालन सुनिश्चित करने का निर्देश देने को कहा। सुप्रीम कोर्ट का निर्णय इसी के बाद आया है।
ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (Taj Trapezium Zone: TTZ) क्या है?
गौरतलब है कि ताजमहल को प्रदूषण से बचाने के लिए, केंद्र सरकार ने ताजमहल के चारों ओर 10,400 वर्ग किमी के क्षेत्र का सीमांकन किया था, जिसे ताज ट्रेपेज़ियम ज़ोन (Taj Trapezium Zone: TTZ) कहा जाता है।
अधिवक्ता और पर्यावरणविद् M.C. मेहता ने 1984 में सुप्रीम कोर्ट के समक्ष एक याचिका दायर की थी, जिसमें दावा किया गया था कि उद्योग, फाउंड्री, वाहन और पास की मथुरा पेट्रोलियम रिफाइनरी सल्फर डाइऑक्साइड जैसी जहरीली गैसें छोड़ रही हैं, जो ताजमहल और इसके आसपास के लोगों के लिए हानिकारक हैं। इसलिए उन्होंने अदालत से ताजमहल की सुरक्षा के लिए TTZ के भीतर वायु प्रदूषण को रोकने के लिए तत्काल उपाय करने को कहा।
1996 में, सुप्रीम कोर्ट ने एक ऐतिहासिक निर्णय (M.C. मेहता बनाम भारत संघ और अन्य) में कहा था कि TTZ में वायुमंडलीय प्रदूषण को किसी भी कीमत पर समाप्त करना होगा।
यह पाया गया था कि पास के कोक/कोयला उपभोग करने वाले उद्योग ताजमहल और TTZ में रहने वाले लोगों को नुकसान पहुंचा रहे थे। इसको ध्यान में रखते हुए न्यायालय ने इस क्षेत्र में काम कर रहे 292 उद्योगों को औद्योगिक-ईंधन के रूप में प्राकृतिक गैस की ओर स्विच करने या उस क्षेत्र से किसी अन्य जगह ले जाने का भी निर्देश दिया।
TTZ में तीन विश्व धरोहर स्थलों, ताजमहल सहित आगरा किला और फतेहपुर सीकरी स्मारक शामिल हैं।
TTZ का नाम इसलिए रखा गया है क्योंकि यह ताजमहल के चारों ओर स्थित है और एक ट्रेपोजॉइड यानी समलंब आकार का है।