चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) नियुक्ति के नियमों में संशोधन
केंद्र सरकार ने चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS: Chief of Defence Staff) की नियुक्ति से जुड़े नियमों में बदलाव किये हैं। सरकार द्वारा जारी अधिसूचनाओं के अनुसार, 62 वर्ष से कम आयु का कोई भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल और वाइस एडमिरल चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ (CDS) के पद के लिए पात्र होंगे।
- सरकार ने किसी भी सेवारत या सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट जनरल, एयर मार्शल या वाइस एडमिरल को CDS के रूप में नियुक्त करने के वास्ते प्रावधान करने के लिए वायु सेना अधिनियम, सेना अधिनियम और नौसेना अधिनियम के तहत 6 जून को अलग-अलग अधिसूचना जारी की।
- संशोधित नियमों के अनुसार सेना, नौसेना और भारतीय वायु सेना के प्रमुखों के साथ इस शीर्ष पद के लिए अन्य अधिकारियों पर विचार किया जा सकता है।
- जारी अधिसूचना में कहा गया है कि सरकार चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ की सेवा को “ऐसी अवधि के लिए बढ़ा सकती है, जितना वह आवश्यक समझे परन्तु अधिकतम आयु 65 वर्ष की होगी।
- 8 दिसंबर, 2021 को एक हेलीकॉप्टर दुर्घटना में देश के पहले CDS जनरल बिपिन रावत के निधन के बाद यह पद रिक्त है।
- वास्तव में सेना, नौसेना और वायु सेना के सेवानिवृत्त प्रमुखों के CDS के पद के लिए विचार किये जाने की संभावना नहीं है, क्योंकि पद के लिए पात्रता आयु 62 वर्ष रखी गयी है। जनरल रावत ने एक जनवरी 2020 को देश के पहले CDS के रूप में कार्यभार संभाला था।
चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ (CDS) के बारे में
- केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने 24 दिसंबर 2019 को देश में उच्च रक्षा प्रबंधन में जबरदस्त सुधार के साथ 4 स्टार जनरल के रैंक में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ ( Chief of Defence Staff ) का पद सृजित करने की मंजूरी दी थी , जिनका वेतन और अतिरिक्त सुविधाएँ सर्विस चीफ के बराबर होती है ।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ सैनिक मामलों के विभाग (DMS) का भी प्रमुख होता है, जिसका गठन रक्षा मंत्रालय के भीतर किया गया है और वह उसके सचिव के रूप में कार्य करता है।
- सैन्य मामलों के विभाग का प्रमुख होने के अलावा चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ, चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी (CoSC) के अध्यक्ष भी होते हैं।
- वे सेना के तीनों अंगों के मामले में रक्षा मंत्री के प्रमुख सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं, लेकिन इसके साथ ही रक्षा मंत्री को अपनी सेनाओं के संबंध में सलाह देना जारी रखते हैं।
- चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ तीनों सेनाओं के प्रमुखों का कमान नहीं करते हैं और नहीं किसी अन्य सैन्य कमान के लिए अपने अधिकारों का इस्तेमाल करते हैं, ताकि राजनीतिक नेतृत्व को सैन्य मामलों में निष्पक्ष सुझाव दे सके।
चीफ ऑफ स्टॉफ कमेटी के स्थायी अध्यक्ष के रूप में चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ निम्नलिखित कार्य करते हैं-
- वे तीनों सैन्य सेवाओं के लिए प्रशासनिक कार्यों की देख-रेख करते हैं।
- तीनों सेवाओं से जुड़ी एजेंसियों, संगठनों तथा साइबर और स्पेस से संबंधित कार्यों की कमान चीफ ऑफ डिफेंस स्टॉफ के हाथों में होती है।
- CDS रक्षा मंत्री की अध्यक्षता वाली रक्षा अधिग्रहण परिषद और राष्ट्रीय सुरक्षा सलाहकार की अध्यक्षता वाली रक्षा नियोजन समिति के सदस्य होते हैं।
- वे परमाणु कमान प्राधिकरण के सैन्य सलाहकार के रूप में कार्य करते हैं।
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