चावल के पौधे के बौनापन के लिए जिम्मेदार है फिजीवायरस
भारतीय कृषि अनुसंधान संस्थान (IARI) ने कहा है कि हरियाणा और पंजाब में चावल के पौधों में रोग पैदा करने वाला ‘बौनापन’ साउथ राइस ब्लैक-स्ट्रीक्ड ड्वार्फ वायरस (SRBSDV: Southern Rice Black-Streaked Dwarf Virus) के कारण है।
यह वायरस फिजीवायरस (Fijivirus) परिवार से संबंधित है। SRBSDV दस डबल-स्ट्रैंडेड RNA सेगमेंट वाला एक वायरस है। यह एक सफेद पीठ वाले प्लांट हॉपर (WBPH) द्वारा संचारित होता है।
चावल के अलावा, यह कई खरपतवार प्रजातियों में भी पाया जा सकता है।
इंडियन एक्सप्रेस (IE) की एक रिपोर्ट के अनुसार, IARI ने सोनीपत, पानीपत, करनाल, कुरुक्षेत्र, अंबाला और यमुनानगर में 24 क्षेत्रों में सर्वेक्षण किया।
सर्वेक्षण से पता चला कि खेत में क्षति 2 से 20 प्रतिशत के बीच थी।
सबसे ज्यादा नुकसान पानीपत के खेतों में दर्ज किया गया, जिसमें 20 फीसदी पौधे इस वायरस से क्षतिग्रस्त हो गए।
धान के बौने रोग (rice dwarf disease) से पीड़ित पौधे के मुख्य लक्षण बौनापन और उसके पत्ते पर सफेद क्लोरोटिक धब्बों का दिखना है। सामान्य पौधों की तुलना में पौधे की लम्बाई 1/2 – 1/3 तक सीमित होती है।