चंद्रमा की मिट्टी में पहली बार पौधे उगाये गए
वैज्ञानिकों ने पहली बार चन्द्रमा की मिट्टी (lunar soil ) में पौधे उगाए हैं, जो चांद पर लंबे समय तक रहने को संभव बनाने की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम है। शोधकर्ताओं ने 1969-1972 के अपोलो मिशन के दौरान एकत्रित चंद्र मृदा के छोटे नमूनों का इस्तेमाल एक प्रकार की क्रेस (cress) विकसित करने के लिए किया। फ्लोरिडा विश्वविद्यालय की टीम को चंद्र नमूनों से प्रयोग के लिए प्रति पौधा सिर्फ 1 ग्राम मिट्टी दी गई थी, जिसे दशकों से बंद रखा गया है।
- वैज्ञानिकों के आश्चर्य का तब ठिकाना नहीं रहा जब महज दो दिनों के बाद बीज अंकुरित हो गए। शोधकर्ताओं ने 12 छोटे थिम्बल-आकार के कंटेनरों में अरबीडॉप्सिस थालियाना (Arabidopsis thaliana) नामक एक कम फूल वाले अपतृण के बीज लगाए, जिनमें से प्रत्येक में चंद्रमा की एक ग्राम मिट्टी, जिसे चंद्र रिगोलिथ (regolith) कहा जाता है, डाली गयी।
- चंद्र रिगोलिथ तीक्ष्ण कण वाले होते हैं परन्तु कार्बनिक पदार्थों की कमी होती है। यह बेसाल्ट चट्टानों से बना है।
- साथ ही बगल में समान गुणों वाली मिट्टी में भी समान बीज बोये गए। छह दिनों तक दोनों का विकास समान रहा परंतु उसके बाद चन्द्रमा की मिट्टी में अंकुरित पौधा का विकास थम गया।
- अरबीडॉप्सिस, जिसे थेल क्रेस भी कहा जाता है, का वैज्ञानिक अनुसंधान में व्यापक रूप से उपयोग किया जाता है क्योंकि इसका जीवन चक्र बहुत तेज होता है और वैज्ञानिकों को इसके आनुवंशिकी की गहरी समझ है।
- नासा ने 1972 के बाद पहली बार 2025 में मनुष्यों को चंद्रमा पर उतारने की योजना बनाई है।
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