घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स लगाने की घोषणा
केंद्र सरकार ने 1 जुलाई को घरेलू कच्चे तेल उत्पादकों पर विंडफॉल टैक्स (windfall tax) लगाने की घोषणा की है। इसके अलावा सरकार ने पेट्रोल, डीजल और विमानन टर्बाइन ईंधन (ATF) पर निर्यात शुल्क भी लगाया, और सोने पर आयात शुल्क में भी बढ़ोतरी की है।
ये कदम रुपये पर दबाव कम करने, चालू खाता घाटा (CAD) कम करने, और पेट्रोलियम उत्पादों की घरेलू आपूर्ति में वृद्धि करने के लिए उठाये गए हैं।
घरेलू तेल उत्पादक घरेलू रिफाइनरियों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर कच्चा तेल बेचते हैं, जिससे उन्हें विंडफॉल लाभ (windfall gain) होता है।
पेट्रोल, डीजल और जेट ईंधन पर निर्यात कर लगाने के बाद, भारत भी स्थानीय स्तर पर उत्पादित कच्चे तेल पर विंडफॉल टैक्स लगाने में ब्रिटेन जैसे देशों में शामिल हो गया है।
उच्च अंतरराष्ट्रीय तेल की कीमतों से उत्पादकों को होने वाले अप्रत्याशित लाभ/विंडफॉल लाभ को दूर करने के लिए सरकार ने घरेलू रूप से उत्पादित कच्चे तेल पर ₹ 23,230 प्रति टन अतिरिक्त कर लगाया है , क्योंकि घरेलू कच्चे उत्पादक घरेलू रिफाइनरियों को अंतरराष्ट्रीय कीमतों पर कच्चे तेल बेचते हैं।
नतीजतन, घरेलू क्रूड उत्पादकों को अप्रत्याशित लाभ/विंडफॉल लाभ हो रहा है।
विंडफॉल टैक्स उन कंपनियों पर एकमुश्त कर है, जिन्होंने अपने मुनाफे में असाधारण रूप से वृद्धि देखी है, लेकिन इसकी वजह उनके द्वारा लिए गए किसी भी निवेश निर्णय या दक्षता या नवाचार में वृद्धि नहीं है, बल्कि केवल अनुकूल बाजार स्थितियों के कारण उन्हें लाभ हुआ है।
यूक्रेन में युद्ध की वजह से तेल के अंतर्राष्ट्रीय मूल्य में वृद्धि हुई है। इससे कंपनियों को लाभ हुआ है।
विंडफॉल टैक्स लगाने के कारणों को बताते हुए, केंद्रीय वित्त मंत्री ने कहा कि घरेलू आपूर्ति को कम करते हुए रिफाइनर्स ने विदेशों में शिपिंग से “अभूतपूर्व लाभ” अर्जित किया है।
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