गोवा बना पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य
गोवा तथा दादरा-नगर हवेली और दमन-दीव देश में क्रमशः पहला ‘हर घर जल’ प्रमाणित राज्य और केंद्र शासित प्रदेश बन गया है जहां सभी गांवों के लोगों ने अपने गांव को ‘हर घर जल’ (Har Ghar Jal) के रूप में घोषित किया है।
ग्राम सभा द्वारा पारित प्रस्ताव के जरिए यह प्रमाणित किया गया है कि गांवों के सभी घरों में नल के माध्यम से सुरक्षित पेयजल उपलब्ध है और यह सुनिश्चित किया गया है कि ‘कोई भी छूटा नहीं है’।
गोवा के सभी 2.63 लाख ग्रामीण परिवारों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 85,156 घरों में नल कनेक्शन के माध्यम से पीने योग्य पानी की पहुंच हो गई है।
गोवा के सभी 378 गांवों और दादरा और नगर हवेली और दमन और दीव के 96 गांवों में ग्राम जल और स्वच्छता समिति (वीडब्ल्यूएससी) या पानी समिति का गठन किया गया है।
जल जीवन मिशन
जल जीवन मिशन भारत सरकार का एक प्रमुख कार्यक्रम है जिसकी घोषणा 15 अगस्त, 2019 को प्रधानमंत्री द्वारा लाल किले की प्राचीर से की गई थी।
मिशन का उद्देश्य 2024 तक देश के प्रत्येक ग्रामीण परिवार के लिए नियमित और दीर्घकालिक आधार पर पर्याप्त मात्रा में, निर्धारित गुणवत्ता के पेयजल आपूर्ति का प्रावधान करना है।
यह कार्यक्रम भारत सरकार द्वारा राज्यों/ केंद्र शासित प्रदेशों के साथ साझेदारी में कार्यान्वित किया जाता है।
देश में 52 प्रतिशत से अधिक ग्रामीण परिवार अब नल से पानी प्राप्त कर रहे हैं जबकि 15 अगस्त 2019 में यह अनुपात महज 17 प्रतिशत था।
‘हर घर जल’ सर्टिफिकेशन की क्या है प्रक्रिया?
जल जीवन मिशन की मार्गदर्शिका में प्रमाणीकरण की प्रक्रिया का विस्तृत विवरण दिया गया है जिसके अनुसार सबसे पहले फील्ड इंजीनियर ग्राम सभा की बैठक के दौरान पंचायत को जलापूर्ति योजना के पूरा होने का प्रमाण पत्र प्रस्तुत करता है।
ग्राम सभा के एक प्रस्ताव के माध्यम से गाँव इस बात की पुष्टि करते हैं कि प्रत्येक घर को निर्धारित गुणवत्ता के अनुसार पानी की नियमित आपूर्ति हो रही है और एक भी घर नहीं छूटा है।
वे यह भी पुष्टि करते हैं कि सभी स्कूलों, आंगनवाड़ी केंद्रों और अन्य सार्वजनिक संस्थानों को भी नल का पानी मिल रहा है।
मिशन का एक महत्वपूर्ण पहलू पानी की गुणवत्ता भी है और इसे सुनिश्चित करने के लिए प्रत्येक गांव में कम से कम पांच महिलाओं को जल परीक्षण करने के लिए प्रशिक्षित किया जाता है।