गीतांजलि श्री का हिंदी उपन्यास ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ ने जीता अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार
लेखिका गीतांजलि श्री (Geetanjali Shree) का अनुवादित हिंदी उपन्यास, ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ (Tomb of Sand), प्रतिष्ठित 2022 अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार (International Booker Prize) से सम्मानित होने वाली भारतीय भाषा में लिखी गयी पहली पुस्तक बन गई है।
- मूल रूप से हिंदी भाषा में ‘रेत समाधि’ नाम से प्रकाशित, इस पुस्तक का अंग्रेजी में अनुवाद डेज़ी रॉकवेल द्वारा किया गया है। नियम के मुताबिक अंतर्राष्ट्रीय बुकर पुरस्कार की £50,000 की राशि पुस्तक के लेखक और अनुवादक, दोनों के बीच बराबर हिस्से में बांटी जाती है।
- ‘टॉम्ब ऑफ सैंड’ उन 13 उपन्यासों में शामिल था जिन्हें पुरस्कार के लिए नामित किया गया था।
- रेत समाधि/टॉम्ब ऑफ सैंड पुस्तक एक 80 वर्षीय महिला की कहानी बताती है जो अपने पति की मृत्यु के बाद गहरे अवसाद का अनुभव करती है। आखिरकार, वह अपने अवसाद पर काबू पाती है और विभाजन के दौरान अपने पीछे छोड़े गए अतीत का सामना करने के लिए पाकिस्तान जाने का फैसला करती है।
- उत्तर प्रदेश के मैनपुरी में जन्मी और वर्तमान में नई दिल्ली में स्थित गीतांजलि ने तीन उपन्यास और लघु कथाओं के कई संग्रह लिखे हैं, जिनमें से कई का अंग्रेजी, फ्रेंच, जर्मन, सर्बियाई और कोरियाई भाषाओं में अनुवाद किया गया है।
- उल्लेखनीय है कि प्रतिवर्ष अंग्रेजी में अनुवादित और यूके या आयरलैंड में प्रकाशित किसी पुस्तक को अंतरराष्ट्रीय बुकर पुरस्कार प्रदान किया जाता है।
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