क्वांटम हॉल प्रभाव और ग्राफीन
अध्ययन करने वाले भौतिकविदों को दो स्तरित ग्राफीन (graphene) में काउंटर प्रोपेगेटिंग चैनलों का पता लगा है जिसके साथ कुछ तटस्थ कणाभ (क्वासिपार्टिकल) पारंपरिक मानदंडों को तोड़ते हुए विपरीत दिशाओं में चलते हैं। यह नयी खोज भविष्य की क्वांटम गणना (quantum computation.) को संभव करने की क्षमता है।
- जब किसी 2D सामग्री या गैस पर कोई मजबूत चुंबकीय क्षेत्र लगाया जाता है, तो इंटरफ़ेस पर कुछ इलेक्ट्रॉन, समूह में घूमते इलेक्ट्रॉनों के विपरीत, किनारों पर चलने के लिए स्वतंत्र होते हैं जिन्हें एज मोड या चैनल कहा जाता है जो कुछ हद तक राजमार्ग लेन के समान होते हैं।
- इस घटना को क्वांटम हॉल प्रभाव (quantum Hall effect) कहते हैं जिसने उभरते हुए कणाभों (क्वासिपार्टिकल्स) के लिए एक मंच दिया है, जिसमें ऐसे गुण हैं जो क्वांटम गणना के क्षेत्र में रोमांचक अनुप्रयोगों को जन्म दे सकते हैं।
- क्वासिपार्टिकल का इस तरह किनारे घूमना, जो क्वांटम हॉल प्रभाव का मूल है, सामग्री और स्थितियों के आधार पर कई दिलचस्प गुणों को जन्म दे सकता है।
क्वांटम हॉल प्रभाव (quantum Hall effect)
- क्वांटम हॉल प्रभाव (quantum Hall effect) उस प्रक्रिया का वर्णन करता है जिसके माध्यम से महज चंद परमाणुओं की मोटाई वाली सामग्री की परतों में विद्युत प्रतिरोध को ठीक से मापा जा सकता है।
ग्राफीन (Graphene)
- ग्राफीन (Graphene) कार्बन परमाणुओं की एकल परत (मोनोलेयर) है, जो एक हेक्सागोनल हनीकॉम्ब जाली में कसकर बंधी होती है।
- एक परमाणु जितना पतला ग्राफीन मनुष्य द्वारा ज्ञात सबसे पतला यौगिक है, यह ज्ञात सबसे हल्का पदार्थ है, खोजा गया सबसे मजबूत यौगिक (स्टील की तुलना में 100-300 गुना मजबूत) है, कमरे के तापमान पर ऊष्मा का सबसे अच्छा संवाहक औरबिजली का ज्ञात सबसे अच्छा संवाहक भी है।
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