कोयला गैसीकरण (Coal gasification) के लिए राजस्व साझाकरण में 50 प्रतिशत छूट को स्वीकृति
केंद्रीय कोयला, खान एवं संसदीय कार्य मंत्री श्री प्रह्लाद जोशी ने कहा है कि कोयला मंत्रालय ने कोयला गैसीकरण (Coal gasification) के लिए राजस्व साझाकरण में 50 प्रतिशत रियायत को स्वीकृति दे दी है। ‘कोयला गैसीकरण- आगे की राह पर’ मुंबई में आयोजित निवेशक सम्मेलन को कोल इंडिया और फिक्की ने मिलकर आयोजित किया था।
- कोयला गैसीकरण को समर्थन और रियायती दर पर क्षेत्र को कोयला उपलब्ध कराने के क्रम में, कोयला मंत्रालय ने कोयला ब्लॉकों की वाणिज्यिक नीलामी के लिए राजस्व साझेदारी में 50 प्रतिशत रियायत के लिए एक नीति पेश की है।
- अगर सफल बोलीदाता निकाले गए कोयले का या तो अपने संयंत्र (या संयंत्रों) या अपनी होल्डिंग, सहायक कंपनियों, संबद्ध कंपनियों, एसोसिएट कंपनियों में कोयले के गैसीकरण या द्रवीकरण में उपयोग करती है या सालाना आधार पर कोयले के गैसीकरण या द्रवीकरण के लिए कोयले को बेचती है तो बोलीदाता रियायत का पात्र होगा।
- हालांकि, यह उस साल के लिए स्वीकृत खनन योजना के तहत निर्धारित कोयला उत्पादन का कम से 10 प्रति गैसीकरण या द्रवीकरण के लिए उपभोग करने या बेचने की शर्तों से बंधा रहेगा।
कोयला गैसीकरण (Coal gasification)
- कोयला गैसीकरण (Coal gasification) एक थर्मो-रासायनिक प्रक्रिया है जिसमें गैसीफायर की ऊष्मा और दबाव कोयले को उसके रासायनिक घटकों में तोड़ देता है। इसके परिणामस्वरूप “सिनगैस” (syngas) प्राप्त होता है जिसमें मुख्य रूप से कार्बन मोनोऑक्साइड और हाइड्रोजन, और कभी-कभी अन्य गैसीय यौगिक शामिल होते हैं।
- कहा जाता है कि कोयला गैसीकरण में पारंपरिक कोयला जलाने की तुलना में अधिक दक्षता होती है क्योंकि यह प्रभावी रूप से दो बार गैसों का उपयोग कर सकता है: कोयला गैसों से पहले अशुद्धियों से साफ किया जाता है और बिजली पैदा करने के लिए टर्बाइन में निकाल दिया जाता है।
- फिर, गैस टरबाइन से निकलने वाली ऊष्मा को जब्त किया जा सकता है और भाप टरबाइन-जनरेटर के लिए भाप उत्पन्न करने के लिए उपयोग किया जा सकता है।
- कोयला गैसीकरण को कोयला जलाने की तुलना में स्वच्छ विकल्प माना जाता है। गैसीकरण से कोयले की रासायनिक विशेषताओं के उपयोग की सहूलियत मिलती है।
- कोयले से बनाई गई सिन-गैस (Syngas) को बिजली उत्पादन के साथ ही हाइड्रोजन (सीसीयूएस के साथ नीली), वैकल्पिक प्राकृतिक गैस (एसएनजी या मीथेन), डि-मिथाइल ईथर (डीएमई) जैसे गैसीय ईंधन, मेथेनॉल, एथेनॉल, सिंथेटिक डीजल जैसे तरल ईंधन और मेथेनॉल डेरिवेटिव्स, ओलेफिन्स, प्रोपिलीन, मोनो इथिलीन ग्लाइकोल (एमईजी) जैसे रसायन, अमोनिया, डीआरआई, औद्योगिक रसायनों सहित नाइट्रोजन उर्वरक बनाने में उपयोग किया जा सकता है।
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