केरल में वेस्ट नाइल वायरस (WNV) से एक व्यक्ति की मौत

वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) के कारण केरल के त्रिशूर के एक 47 वर्षीय व्यक्ति की मई 2022 में मौत हो गई है । उल्लेखनीय है कि वर्ष 2019 में भी राज्य के मलप्पुरम जिले में एक छह वर्षीय लड़के की इसी संक्रमण से मृत्यु हो गई थी।

  • रिपोर्ट्स के मुताबिक, राज्य में वायरस सबसे पहले 2006 में अलाप्पुझा में और फिर 2011 में एर्नाकुलम में सामने आया था।

वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) के बारे में

  • वेस्ट नाइल वायरस (West Nile Virus) एक मच्छर जनित, सिंगल-स्ट्रैंडेड RNA वायरस है।
  • वेस्ट नाइल वायरस की पहचान सबसे पहले 1937 में पूर्वी अफ्रीका के युगांडा में हुई थी।
  • वेस्ट नाइल वायरस का नेचुरल होस्ट पक्षी हैं।
  • वेस्ट नाइल वायरस एक फ्लेविवायरस (flavivirus) है जिसका संबंध सेंट लुइस एन्सेफलाइटिस, जापानी एन्सेफलाइटिस और येलो फीवर के लिए जिम्मेदार वायरस से है ।
  • मच्छरों की क्यूलेक्स (Culex species ) प्रजाति संचरण के लिए प्रमुख वाहक के रूप में कार्य करती है।
  • यह संक्रमित मच्छरों द्वारा मनुष्यों और जानवरों के बीच और पक्षियों के बीच फैलता है।
  • वेस्ट नाइल वायरस (WNV) ब्लड ट्रांस्फ्यूजन से, संक्रमित मां से उसके बच्चे में या प्रयोगशालाओं में वायरस के संपर्क में आने से भी फैल सकता है।
  • यह संक्रमित मनुष्यों या जानवरों के संपर्क से फैलने के लिए ज्ञात नहीं है।
  • यह वायरस घोड़ों में गंभीर बीमारी और मौत का कारण बन सकता है।

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