केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने जलवायु परिवर्तन पर भारत के अद्यतन ‘राष्ट्रीय निर्धारित योगदान’ (NDC) को मंजूरी दी
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी की अध्यक्षता में केन्द्रीय मंत्रिमंडल ने संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मलेन (UNFCCC) को सूचना दिए जाने के लिए भारत के राष्ट्रीय स्तर पर अद्यतन निर्धारित योगदान (Updated Nationally Determined Contribution: NDC) को मंजूरी दे दी है।
- अद्यतन NDC, पेरिस समझौते (Paris Agreement) के तहत आपसी सहमति के अनुरूप जलवायु परिवर्तन के खतरे का मुकाबले करने के लिए वैश्विक कार्रवाई को मजबूत करने की दिशा में भारत के योगदान में वृद्धि करने का प्रयास करता है।
- यूनाइटेड किंगडम के ग्लासगो में आयोजित संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन फ्रेमवर्क सम्मलेन (UNFCCC) के पक्षकारों के सम्मेलन के 26वें सत्र (COP26) में प्रधानमंत्री ने दुनिया के समक्ष पांच अमृततत्व (पंचामृत/Panchamrit) पेश किए तथा जलवायु कार्रवाई को तेज करने का आग्रह किया।
- भारत के मौजूदा NDC का यह अद्यतन स्वरूप, COP26 में घोषित ‘पंचामृत’ को बढे हुए जलवायु लक्ष्यों में परिवर्तित कर देता है। यह अद्यतन स्वरूप, भारत के 2070 तक नेट-जीरो उत्सर्जन के दीर्घकालिक लक्ष्य को प्राप्त करने की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम सिद्ध होगा ।
जलवायु परिवर्तन ‘पंचामृत’ में निम्नलिखित शामिल थे:
- भारत 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को बढाकर 500 गीगावाट करेगा;
- वर्ष 2030 तक भारत “नवीकरणीय ऊर्जा” से अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50% पूरा करेगा;
- अब से 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी आएगी;
- अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 45% से अधिक कम कर देगा; और
- वर्ष 2070 तक “शुद्ध शून्य” (net zero) के लक्ष्य को प्राप्त कर लेंगे, जब ऊर्जा स्रोतों से कोई शुद्ध कार्बन डाइऑक्साइड उत्सर्जित नहीं होगा।
वर्ष 2015 में भारत का NDC लक्ष्य
भारत ने 2 अक्टूबर, 2015 को UNFCCC को अपना राष्ट्रीय स्तर पर निर्धारित योगदान (NDC) प्रस्तुत किया था। 2015 NDC में आठ लक्ष्य शामिल थे; इनमें से तीन, 2030 तक के लिए संख्या आधारित लक्ष्य हैं, जैसे
- गैर-जीवाश्म स्रोतों से विद्युत उत्पादन की संचयी स्थापित क्षमता को बढ़ाकर 40 प्रतिशत तक पहुंचाना;
- 2005 के स्तर की तुलना में सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता को 33 से 35 प्रतिशत तक कम करना और
- अतिरिक्त वन व वृक्षों के आवरण के माध्यम से 2.5 से 3 बिलियन टन कार्बन डाईआक्साइड के अतिरिक्त कार्बन सिंक का निर्माण करना।
कैबिनेट द्वारा मंजूर अपडेटेड NDC
अपडेटेड NDC में पंचामृत में घोषित पांच लक्ष्यों में से केवल दो लक्ष्यों का उल्लेख है। ये दो लक्ष्य हैं:
- भारत अब 2030 तक 2005 के स्तर से अपने सकल घरेलू उत्पाद की उत्सर्जन तीव्रता (Emissions Intensity ) को 45 प्रतिशत तक कम करेगा और
- वर्ष 2030 तक गैर-जीवाश्म ईंधन-आधारित ऊर्जा संसाधनों से लगभग 50 प्रतिशत संचयी विद्युत शक्ति (cumulative electric power installed capacity ) की स्थापित क्षमता प्राप्त करेगा है।
- अद्यतन NDC में प्रधानमंत्री द्वारा “जलवायु परिवर्तन की समस्या से निपटने की कुंजी के रूप में ‘लाइफ’- ‘पर्यावरण के लिए जीवनशैली’ (LIFE: Lifestyle For Environment) मूवमेंट को भी शामिल किया गया है।