केन्द्रीय गृह ने 17 सितंबर को 75वें हैदराबाद मुक्ति दिवस कार्यक्रम में हिस्सा लिया

केन्द्रीय गृह श्री अमित शाह ने 17 सितंबर 2022 को तेलंगाना में 75वें हैदराबाद मुक्ति दिवस (Hyderabad Liberation Day) कार्यक्रम में हिस्सा लिया। इस अवसर पर अपने संबोधन में श्री अमित शाह ने कहा कि 15 अगस्त, 1947 के दिन पूरा देश आज़ादी का उत्सव मना रहा था लेकिन हैदराबाद को आज़ादी नसीब नहीं हुई थी।

13 महीनों तक निज़ाम के अन्यायों और अत्याचारों को ये क्षेत्र सहन करता रहा और उसके बाद जब सरदार पटेल ने ऑपरेशन पोलो के तहत पुलिस एक्शन लिया तब तेलंगाना स्वतंत्र हुआ था। इस आज़ादी के लिए कोमाराम भीम, रामजी गोंड, स्वामी रामानंद तीर्थ, एम चिन्नारेड्डी, नरसिम्हा राव, शाइक बंदगी, के वी नरसिम्हा राव, विद्याधर गुरु और पंडित केशवराव कोरटकर जैसे अनगिनत लोगों ने अपना सर्वस्व न्यौछावर किया था।

श्री अमित शाह ने कहा कि हैदराबाद मुक्ति दिवस मनाने का उद्देश्य इस मुक्ति संग्राम के इतिहास और जाने-अनजाने शहीदों की गाथाओं को युवा पीढ़ी के मन में पुनर्जीवित कर उनके मन में देशभक्ति की लौ जगाना है। इससे हमारी नई पीढ़ी में देशभक्ति की भावना पुनर्जीवित होगी।

केन्द्रीय गृह मंत्री ने 15 अगस्त 1947 को उस्मानिया विश्वविद्यालय में राष्ट्रीय ध्वज फहराने वाले देशभक्तों को भी नमन जिन्हें निजाम की सेना ने गिरफ्तार कर लिया था। उन्होंने कहा कि कई संगठनों ने आज़ादी की इस जंग में अपना योगदान दिया था।

केंद्रीय गृह एवं सहकारिता मंत्री ने कहा कि 17 सितंबर के दिन 1948 में तेलंगाना, मराठवाड़ा और कल्याण कर्नाटक स्वतंत्र हुए और 13 से 17 सितंबर, 1948 केदौरान 109 घंटों के संघर्ष में अनेक वीर यहां शहीद हुए।

उन्होंने कहा कि निज़ाम और उसके रजाकारों ने कई प्रकार के कठोर क़ानून लगाकर, असहनीय अन्याय और महिलाओं के साथ दुर्व्यवहार करके तीनों राज्यों की जनता को कुचलने का प्रयास किया था। इन कुकृत्यों और अत्याचारों के ख़िलाफ़ हमारे लोगों ने आंदोलन किया था और अंत्तोगत्वा हम विजयी हुए।

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