केंद्र ने GST मुआवजे की सभी बकाया राशि राज्यों को जारी कर दी है
भारत सरकार ने 86,912 करोड़ रुपये की राशि जारी कर 31 मई, 2022 तक राज्यों को देय GST मुआवजे (GST Compensation) की पूरी राशि जारी कर दी है। यह निर्णय राज्यों को अपने संसाधनों के प्रबंधन में सहायता करने और यह सुनिश्चित करने के लिए लिया गया है कि वित्तीय वर्ष के दौरान उनके कार्यक्रम विशेष रूप से कैपिटल व्यय सफलतापूर्वक किया जाता है।
- केंद्र सरकार के मुताबिक जीएसटी मुआवजा कोष (GST Compensation Fund) में करीब 25,000 करोड़ रुपये ही उपलब्ध हैं। सेस (उपकर) की वसूली लंबित रहने तक केंद्र द्वारा अपने संसाधनों से शेष राशि जारी की जा रही है।
- देश में वस्तु और सेवा कर (Goods and Services Tax: GST) 1 जुलाई, 2017 से लागू किया गया था और राज्यों को GST (राज्यों को मुआवजा) अधिनियम, 2017 के प्रावधानों के अनुसार GST के कार्यान्वयन के कारण होने वाले किसी भी राजस्व के नुकसान के लिए पांच साल की अवधि के लिए मुआवजे का आश्वासन दिया गया था।
- राज्यों को मुआवजा प्रदान करने के लिए, कुछ वस्तुओं पर उपकर लगाया गया और एकत्रित उपकर की राशि को मुआवजा कोष में जमा किया जाता है। राज्यों को मुआवजे का भुगतान 1 जुलाई, 2017 से मुआवजा निधि (GST Compensation Fund) से किया जा रहा है।
- वर्ष 2017-18, 2018-19 की अवधि के लिए राज्यों को द्विमासिक जीएसटी मुआवजा, मुआवजा कोष से समय पर जारी किया गया था। चूंकि राज्यों का संरक्षित राजस्व 14% चक्रवृद्धि वृद्धि से बढ़ रहा है, जबकि उपकर संग्रह उसी अनुपात में नहीं बढ़ा है, COVID-19 ने उपकर संग्रह में कमी सहित संरक्षित राजस्व और वास्तविक राजस्व प्राप्ति के बीच के अंतर को और बढ़ा दिया है।
- मुआवजे की कम रिलीज के कारण राज्यों के संसाधन अंतर को पूरा करने के लिए, केंद्र ने 2020-21 में 1.1 लाख करोड़ रुपये उधार लिए और उपकर संग्रह में कमी को देखते हुए वित्त वर्ष 2021-22 में 1.59 लाख करोड़ रुपये बैक-टू-बैक ऋण के रूप में जारी किए।
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