ऑनलाइन शैक्षिक गेम्स की श्रृंखला ‘आज़ादी क्वेस्ट’ का शुभारंभ
‘आजादी का अमृत महोत्सव’ के आयोजन के हिस्से के रूप में और भारतीय स्वतंत्रता संग्राम की कहानी को सामने लाने के लिए, केंद्रीय सूचना और प्रसारण मंत्री श्री अनुराग सिंह ठाकुर ने जिंगा इंडिया के सहयोग से विकसित, ऑनलाइन शैक्षिक मोबाइल गेम्स की श्रृंखला ‘आजादी क्वेस्ट’ (Azadi Quest) का शुभारम्भ किया।
ये गेम ऑनलाइन गेम खेलने वालों के विशाल बाजार का उपयोग करने और गेम के माध्यम से उन्हें शिक्षित करने की दिशा में एक प्रयास है। भारत सरकार के विभिन्न विभागों ने देश के कोने-कोने से गुमनाम स्वतंत्रता सेनानियों के बारे में जानकारी एकत्रित की है।
आज़ादी क्वेस्ट इन जानकारियों से मिलने वाली सीख को आकर्षक और संवादात्मक बनाने का एक प्रयास है। प्रकाशन विभाग ने ज़िंगा इंडिया के साथ एक समझौता ज्ञापन पर हस्ताक्षर किए ताकि अभी चल रहे आज़ादी के अमृत महोत्सव के तहत गेम्स की एक श्रृंखला विकसित की जा सके।
क्वेस्ट गेम भारत के लोगों के लिए अंग्रेजी और हिंदी में एंड्रॉइड और आईओएस उपकरणों के लिए उपलब्ध हैं और सितंबर 2022 से ये दुनिया भर में उपलब्ध होंगे।
ऑनलाइन गेमिंग कंपनी जिंगा इंडिया की स्थापना 2010 में बेंगलुरु में हुई थी तथा इसने मोबाइल और वेब पर कुछ सबसे लोकप्रिय गेम फ्रेंचाइज़ बनाई हैं। ‘शिक्षा को खेल की तरह बनाने’ की अवधारणा पर आधारित ये अनूठी गेम सीरीज देश में शिक्षा के क्षेत्र में क्रांति लाएगी।
गेम-आधारित शिक्षा दरअसल कक्षा और उम्र से परे सीखने की प्रक्रिया का विस्तार करके एक बराबरी वाली और ताउम्र की शिक्षा प्रदान करती है।
आज़ादी क्वेस्ट सीरीज भारत के स्वतंत्रता संग्राम और देश के महान स्वतंत्रता सेनानियों की किंवदंतियों का ज्ञान प्रदान करेगी, जिससे खेलने वालों के मन में गर्व और कर्तव्य की भावना पैदा होगी।
ये गेम उनकी औपनिवेशिक मानसिकता को दूर करने में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाएंगे जिस पर प्रधानमंत्री ने अपने 76वें स्वतंत्रता दिवस के भाषण में ‘अमृत काल के पांच प्रण’ के रूप में ज़ोर दिया था।
पिछले कुछ वर्षों में भारत गेमिंग के क्षेत्र में शीर्ष पांच देशों में शामिल हो गया है। अकेले 2021 में गेमिंग के क्षेत्र में 28 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। केन्द्रीय मंत्री ने कहा कि 2020 से लेकर 2021 तक ऑनलाइन गेम खेलने वालों की संख्या में आठ प्रतिशत की बढ़ोतरी हुई है और 2023 तक ऐसे गेम खेलने वालों की संख्या 45 करोड़ तक पहुंच जाने की उम्मीद है।