ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर की पहली सफल उड़ान
रक्षा अनुसंधान और विकास संगठन (DRDO) द्वारा ऑटोनॉमस फ्लाइंग विंग टेक्नोलॉजी डिमॉन्स्ट्रेटर (Autonomous Flying Wing Technology Demonstrator) की पहली उड़ान का 1 जुलाई 2022 को वैमानिकी परीक्षण रेंज, चित्रदुर्ग, कर्नाटक से सफलतापूर्वक आयोजन किया गया।
पूरी तरह स्वायत्त मोड में संचालन करते हुए इस विमान ने एक आदर्श उड़ान का प्रदर्शन किया जिसमें टेक-ऑफ, वे पॉइंट नेविगेशन और एक आसान टचडाउन शामिल रहे। यह उड़ान भविष्य के मानव रहित विमानों के विकास की दिशा में महत्वपूर्ण प्रौद्योगिकियों को साबित करने के मामले में एक प्रमुख उपलब्धि है और यह सामरिक रक्षा प्रौद्योगिकियों में आत्मनिर्भरता की दिशा में भी एक महत्वपूर्ण कदम है।
इस मानव रहित यान (Unmanned Aerial Vehicle (UAV) को वैमानिकी विकास प्रतिष्ठान (एडीई), बेंगलुरु द्वारा डिजाइन और विकसित किया गया है, जो डीआरडीओ की एक प्रमुख अनुसंधान प्रयोगशाला है।
यह एक छोटे टर्बोफैन इंजन द्वारा संचालित होता है। इंजन रूसी TRDD-50MT है जिसे मूल रूप से क्रूज मिसाइलों के लिए डिज़ाइन किया गया है।
यान के लिए उपयोग किए जाने वाले एयरफ्रेम, अंडर कैरिज और संपूर्ण उड़ान नियंत्रण और एवियोनिक्स सिस्टम स्वदेशी रूप से विकसित किए गए हैं।
स्वदेशी मीडियम एल्टीट्यूड लॉन्ग एंड्योरेंस (MALE) यूएवी रुस्तम -2 विकास के तहत, दिसंबर 2021 में 25,000 फीट की ऊंचाई और 10 घंटे की सहनशक्ति तक पहुंचकर एक मील का पत्थर पार कर गया था और इसे 30,000 फीट और 18 घंटे सहनशक्ति की ऊंचाई तक पहुंचने के लिए डिज़ाइन किया जा रहा है।
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