ऑक्सफैम ने जारी की ‘प्रॉफिटिंग फ्रॉम पेन’ रिपोर्ट
ऑक्सफैम (Oxfam) ने विश्व आर्थिक मंच 2022 (World Economic Forum) के लिए 23 मई को दावोस में पांच दिवसीय कार्यक्रम के दौरान “कष्ट में मुनाफा’ यानी ‘प्रॉफिटिंग फ्रॉम पेन ” (Profiting from Pain) शीर्षक से एक रिपोर्ट जारी की है।
रिपोर्ट के मुख्य निष्कर्ष
- COVID-19 महामारी ने हर 30 घंटे में एक नए व्यक्ति को अरबपति बनाया है, और यह उम्मीद की जाती है 2022 में इसी दर से दस लाख लोगों को अत्यधिक गरीबी में धकेला जा सकता है। कोविड महामारी के दौरान हर 30 घंटे में एक की दर से 573 लोग नए अरबपति बने।
- हर 33 घंटे में एक मिलियन लोगों की दर से कुल 263 मिलियन और लोग इस वर्ष अत्यधिक गरीबी में धकेले जाएंगे।
- दुनिया में अरबपतियों की संपत्ति भी COVID-19 के पहले 24 महीनों में संयुक्त 23 वर्षों की तुलना में अधिक बढ़ी है।
- दुनिया के अरबपतियों की कुल संपत्ति अब वैश्विक जीडीपी के 13.9% के बराबर है। यह वर्ष 2000 में 4.4% से तीन गुना वृद्धि है।
- ऑक्सफैम इंटरनेशनल की कार्यकारी निदेशक गैब्रिएला बुचर के अनुसार “अरबपतियों की किस्मत इसलिए नहीं बदली है कि वे अब होशियार हैं या कड़ी मेहनत कर रहे हैं बल्कि कम वेतन और बदतर परिस्थितियों में श्रमिक अधिक मेहनत कर रहे हैं।
- सुपर-रिच ने दशकों तक सिस्टम में धांधली की है और वे अब इसका लाभ उठा रहे हैं।
- COVID-19 महामारी ने 40 नए फार्मा अरबपति सृजित किये हैं। मॉडर्ना और फाइजर जैसे फार्मास्युटिकल कॉरपोरेशन COVID-19 वैक्सीन के अपने एकाधिकार नियंत्रण से हर सेकंड 1,000 डॉलर का लाभ कमा रहे हैं।
- लैंगिक असमानताएं भी गहरी हो गई हैं क्योंकि महिलाओं को रोजगार से बाहर कर दिया गया है।
- वर्ष 2021 में, 2019 की तुलना में रोजगार में 13 मिलियन कम महिलाएं थीं, जबकि पुरुषों का रोजगार 2019 के स्तर पर पहुंच गया।
- रिपोर्ट के मुताबिक जहाँ COVID-19 महामारी से पहले पुरुष और महिला के वेतन में अंतर को 100 साल में समाप्त किये जाने की उम्मीद थी लेकिन अब इसमें 136 साल लगने का अनुमान है।
- ऑक्सफैम ने आय असमानताओं को गहराने से रोकने के लिए कई कर उपायों की सिफारिश की है, जिसमें महामारी की वजह से कमाई वाले अरबपतियों पर एकमुश्त कर के अलावा धनियों पर स्थायी कर लगाना शामिल हैं।
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