एशिया में पाम आयल आयातक देशों ने ‘एशियन पाम ऑयल एलायंस (APOA)’ का गठन किया
दक्षिण एशिया में पाम आयल (palm oil) आयात करने वाले पांच देशों – भारत, पाकिस्तान, श्रीलंका, बांग्लादेश और नेपाल के खाद्य तेल व्यापार संघों ने 22 सितंबर को ‘एशियन पाम ऑयल एलायंस (Asian Palm Oil Alliance: APOA) की स्थापना की घोषणा की।
इसे ‘सॉलिडेरिडाड नेटवर्क’ (Solidaridad Network) की तर्ज पर स्थापित किया गया है जो सतत कृषि में विशेषज्ञता रखता है।
APOA ने आगरा में ग्लोबोइल शिखर सम्मेलन (Globoil Summit) के मौके पर अपनी पहली आम सभा की बैठक की।
APOA के बारे में
APOA के गठन के पीछे मुख्य मंशा पाम आयल आयातक देशों के सौदेबाजी की शक्ति में वृद्धि और आयात को बनाये रखना है।
APOA के माध्यम से पाम आयल की खपत करने वाले देशों के आर्थिक और व्यावसायिक हितों की रक्षा करना और सदस्य देशों में पाम आयल की खपत बढ़ाने की दिशा में काम करना है।
यह गठबंधन यह सुनिश्चित करने की दिशा में काम करेगा कि पाम आयल को उच्च गुणवत्ता वाले, किफायती और स्वस्थ वनस्पति तेल के रूप में मान्यता दिलाई जाये और पाम आयलकी नकारात्मक छवि को बदला जाए।
APOA की सदस्यता का और विस्तार किया जाएगा ताकि पूरे महाद्वीप में पाम आयल के उत्पादन या शोधन से जुड़ी कंपनियों या उद्योग को शामिल किया जा सके।
भारत का खाद्य तेल आयात
भारत का खाद्य तेल का वार्षिक आयात लगभग 13-14 मिलियन टन (एमटी) है। लगभग 8 मीट्रिक टन पाम तेल इंडोनेशिया और मलेशिया से आयात किया जाता है, जबकि अन्य तेल, जैसे सोया और सूरजमुखी, अर्जेंटीना, ब्राजील, यूक्रेन और रूस से आते हैं।
एशिया में पाम तेल की वैश्विक खपत का लगभग 40% हिस्सा है जबकि यूरोप में पाम आयल के व्यापार का 12% हिस्सा है।
इंडोनेशिया और मलेशिया दुनिया के सबसे बड़े पाम आयल निर्यातक हैं।
भारत एशिया में पाम आयल का सबसे बड़ा आयातक है, जो वैश्विक आयात का 15% हिस्सा का प्रतिनिधित्व करता है, इसके बाद चीन (9%), पाकिस्तान (4%) और बांग्लादेश (2%) का स्थान है।
पाम आयल
पाम आयल का पेड़ (एलाइस गाइनेंसिस/Elaeis guineensis) एरेकेसी/Arecaceae परिवार से संबंधित एलाइस जीनस/Elaeis genus का प्रतिनिधित्व करता है और पश्चिम अफ्रीका में उत्पन्न हुआ है।
बागवानी में खेती के लिए तीन मुख्य फसल प्रकार हैं: ड्यूरा – एक मोटे खोल (2-8 मिमी) के साथ; पिसिफेरा – बिना खोल के; टेनेरा – उपर्युक्त दोनों का एक संकर।