उपराष्ट्रपति ने दारा शिकोह की “मज्म उल-बहरैन” के अरबी संस्करण का विमोचन किया

उपराष्ट्रपति जगदीप धनखड़ ने 9 सितंबर को दारा शिकोह (Dara Shikoh) की पुस्तक “मज्म उल-बहरैन” (Majma Ul-Bahrain) के अरबी संस्करण का विमोचन किया। इसका अरबी में अनुवाद श्री अमर हसन ने किया है।

इस अवसर पर उपराष्ट्रपति ने कहा कि मज्म उल-बहरैन (जिसका मतलब है दो सागरों का मिलन) धर्मों के बीच की समानताओं पर मूल्यवान प्रकाश डालती है और भारत के लोगों में एकता की भावना को मजबूत करने में मदद करती है।

दारा शिकोह को एक विलक्षण बुद्धि का व्यक्ति, एक कुशल कवि और संस्कृति अध्येता बताते हुए उपराष्ट्रपति ने कहा कि वे सामाजिक सौहार्द्रता और धार्मिक एकता के पथप्रदर्शक थे।

इस किताब में दारा शिकोह ने हिंदू धर्म (वेदांत) और इस्लाम (सूफीवाद) में समानताओं को रेखांकित किया है और आखिर में नतीजा निकाला है कि इस्लाम और हिंदू धर्म में केवल शाब्दिक अंतर ही है।

श्री धनखड़ ने कहा कि दारा शिकोह अलग-अलग धर्मों के बीच विमर्श को बढ़ावा देने के हिमायती थे, उपराष्ट्रपति ने कहा कि आज के दौर में उनकी विरासत और उनके अध्यात्मिक विचारों को फिर से याद करने की जरूरत है, ताकि सामाजिक एकजुटता को और मजबूत किया जा सके।

दारा शिकोह के बारे में

दारा शिकोह मुगल शासक शाहजहाँ के सबसे बड़े बेटे थे। हालाँकि 1655 में शाहजहाँ ने दारा शिकोह को क्राउन प्रिंस घोषित किया था, लेकिन 30 अगस्त, 1659 को उत्तराधिकार युद्ध में पराजय के पश्चात अपने छोटे भाई औरंगजेब के आदेश पर उसकी हत्या कर दी गयी।

मृत्यु के समय दारा शिकोह 44 वर्ष के थे।

उनकी सबसे महत्वपूर्ण रचनाएँ, “मज्म उल-बहरैन (दो महासागरों का मिलन) और सिर-ए-अकबर (महान रहस्य) हैं जो हिंदू धर्म और इस्लाम में समन्वय स्थापित करने को समर्पित हैं।

दारा शिकोह ने संस्कृत और फारसी में दक्षता हासिल कर ली थी, जिससे उन्हें भारतीय संस्कृति और हिंदू धार्मिक विचारों को लोकप्रिय बनाने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाने में मदद मिली।

उन्होंने उपनिषदों और हिंदू धर्म और आध्यात्मिकता के अन्य महत्वपूर्ण स्रोतों का संस्कृत से फारसी में अनुवाद किया।

एक प्रतिभाशाली वास्तुकार के रूप में, उन्होंने श्रीनगर में परी महल गार्डन पैलेस और कई अन्य स्मारकों को डिजाइन किया।

दारा शिकोह को 30 अगस्त, 1659 को दिल्ली के खिज्राबाद में उसके भाई औरंगजेब ने अफगान प्रमुख मलिक जीवन द्वारा धोखा दिए जाने के बाद मार डाला था।

फ्रेंकोइस बर्नियर शिकोह के निजी चिकित्सक थे।

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