ईरान ने भारत में रूसी सामान भेजने के लिए इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांजिट कॉरिडोर (INSTC) का किया परीक्षण
ईरान ने एक नए ट्रेड कॉरिडॉर का इस्तेमाल करके रूस निर्मित माल भारत को भेजने के पहले कंसाइमेंट को भेजने का काम शुरू किया है। ब्लूमबर्ग की रिपोर्ट के मुताबिक इस ट्रेड में नया व्यापार गलियारा INSTC का परीक्षण किया गया है। रूसी कार्गो में लकड़ी के लेमिनेट शीट से बने दो 40-फुट (12.192 मीटर) कंटेनर हैं, जिनका वजन 41 टन है। यह रूसी कार्गो सेंट पीटर्सबर्ग से प्रस्थान किया है।
यह कैस्पियन बंदरगाह अस्त्रखान और ईरानी बंदरगाह अन्जाली होते हुए बंदर अब्बास बंदरगाह और उसके बाद पश्चिमी भारतीय बंदरगाहों तक पहुंच कर INSTC (International North-South Transport Corridor) पर औपचारिक रूप से परिचालन का शुभारम्भ करेगा ।
इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांजिट कॉरिडोर (INSTC)
इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांजिट कॉरिडोर (INSTC) रूस को एशियाई निर्यात बाजारों से जोड़ने के लिए ईरान का उपयोग करता है।
इस योजना में अंततः एक रेलरोड लाइन (railroad line) का निर्माण शामिल है जो ईरानी कैस्पियन सागर बंदरगाहों पर पहुंचने वाले सामान को चाबहार के दक्षिण-पूर्वी बंदरगाह तक पहुंचा सकती है।
कुल यात्रा में 25 दिनों से भी कम समय लगेगा, जबकि वर्तमान में रूस से भारत तक माल परिवहन में 40 लगते हैं।
भारत और रूस के बीच व्यापार में लगने वाले समय को कम करने के अलावा, INSTC को मौजूदा भू-राजनीतिक चुनौतियों के बीच भारत-रूस व्यापार के लिए एक व्यवहार्य विकल्प माना जाता है।
INSTC, लंबे समय में, स्वेज नहर और भूमध्यसागरीय कुछ शक्तियों और बोस्पोरस के प्रभुत्व का एक विकल्प हो सकता है।
इंटरनेशनल नॉर्थ-साउथ ट्रांसपोर्ट कॉरिडोर (INSTC) सदस्य देशों के बीच परिवहन सहयोग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से 2000 में स्थापित एक मल्टी मोडल ट्रांसपोर्टेशन है।
यह गलियारा ईरान, के माध्यम से हिंद महासागर और फारस की खाड़ी को कैस्पियन सागर से जोड़ता है, और फिर रूस के माध्यम से सेंट पीटर्सबर्ग और उत्तरी यूरोपीय से जुड़ा है।
GS टाइम्स UPSC प्रीलिम्स (PT) करेंट अफेयर्स डेली ऑनलाइन अभ्यास (टेस्ट) के लिए यहाँ क्लिक करें
MORE THAN 30 QUESTIONS FORM GS TIMES UPSC 2022 PRELIMS CURRENT AFFAIRS DAILY TEST