इक्वाडोर-वन्य जीवों के कानूनी अधिकारों को मान्यता देने वाला पहला देश
दुनिया में पहली बार, इक्वाडोर (Ecuador ) के एक ऐतिहासिक संवैधानिक अदालत के फैसले के द्वारा वन्य जीवों के कानूनी अधिकारों ( legal rights of animals) को मान्यता दी गयी है, जो जानवरों के अधिकारों की रक्षा के लिए नए कानून के निर्माण को प्रेरित करेगा।
- एस्ट्रेलिटा (Estrellita) नाम के एक वूली बंदर (woolly monkey) के मामले में संवैधानिक अदालत ने उपर्युक्त निर्णय दिया। इस बन्दर को जबरन उसके घर से ले जाया गया, जहां उसे एक महीने की उम्र में जंगल से लाकर 18 साल तक पालतू जानवर के रूप में रखा गया था।
- पर्यावरण अधिकारियों ने वर्ष 2019 में बंदर को इस आधार पर जब्त कर लिया कि “जंगली जानवर” रखना इक्वाडोर के कानून के तहत प्रतिबंधित है और उसे एक चिड़ियाघर में ले जाया गया । चिड़ियाघर में लाने के एक सप्ताह बाद एस्ट्रेलिटा की मृत्यु हो गई।
- बंदर के मालिक, लाइब्रेरियन एना बीट्रिज़ बरबानो प्रोआनो ने कानूनी कार्रवाई की और दिसंबर 2021 में, अदालत ने उसके पक्ष में फैसला सुनाया, जिसमें कहा गया था कि सरकार द्वारा बन्दर को जबरन हटाए जाने के बाद जानवर के अधिकारों का उल्लंघन किया गया था।
- हालांकि उसी मामले में, संवैधानिक अदालत ने यह भी पाया कि उस बंदर के मालिक ने भी जानवरों के अधिकारों का उल्लंघन किया था, जब उसे बन्दर के प्राकृतिक पर्यावास से हटा दिया गया था, खासकर इतनी कम उम्र में।
- उल्लेखनीय है कि वर्ष 2008 में, इक्वाडोर अपने राष्ट्रीय संविधान में प्रकृति के अधिकारों (rights of nature ) को मान्यता देने वाला पहला देश था, जिसने अपने लोगों के स्वस्थ वातावरण में रहने के अधिकार को सुनिश्चित किया – एक ऐसा कदम जिसे इटली ने हाल ही में पर्यावरण की रक्षा को अपने संविधान का हिस्सा बनाकर दोहराया है।
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