आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक 2022
केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह 28 मार्च को लोकसभा में आपराधिक प्रक्रिया (पहचान) विधेयक (Criminal Procedure (Identification) Bill 2022) पेश किया है। इसका उद्देश्य है अपराधियों और अन्य व्यक्तियों की पहचान के लिए पुलिस को उनके अंगों और निशानों की माप लेने का अधिकार देना। इसके तहत उंगली के निशान, पैरों और हथेले के निशान, फोटोग्राफ, रेटिना स्कैन, जैविक नमूने, दस्तखत, लिखावट व आंख की पुतली से जुड़े सबूतों को संरक्षित रखा जाएगा।
- कानून बनने के बाद किसी भी मामले में दोषी पाया गया या फिर गिरफ्तार हुआ आरोपी पुलिस अधिकारियों को अपनी पहचान से जुड़े माप देगा। यह विधेयक ‘द आइ़डेंटिफिकेशन ऑफ प्रिजनर्स ऐक्ट 1920’ की जगह लेगा। पहले के कानून में केवल फिंगर और फुटप्रिंट लेने की ही इजाजत थी। इसके अलावा मजिस्ट्रेट के आदेश के बाद फोटोग्राफ लिए जा सकते थे।
विधेयक की मुख्य विशेषताएं
- उंगलियों के निशान, हथेली के निशान और पैरों के निशान, फोटोग्राफ, आईरिस और रेटिना स्कैन, भौतिक, जैविक नमूने और उनके विश्लेषण आदि को शामिल करने के लिए “माप” को परिभाषित किया गया है;
- राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (NCRB) को माप के रिकॉर्ड को इकट्ठा करने, संग्रहीत करने और संरक्षित करने और रिकॉर्ड के साझाकरण, प्रसार, नष्ट करने और निपटान के लिए सशक्त बनाया गया है ,
- किसी भी व्यक्ति को माप देने का निर्देश देने के लिए मजिस्ट्रेट को अधिकार दिया गया है; एक मजिस्ट्रेट कानून प्रवर्तन अधिकारियों को दोषी और गैर-दोषी व्यक्तियों की एक निर्दिष्ट श्रेणी के मामले में उंगलियों के निशान, पैरों के निशान और तस्वीरें एकत्र करने का निर्देश दे सकता है;
- पुलिस या जेल अधिकारियों को किसी भी ऐसे व्यक्ति का माप लेने के लिए सशक्त बनाता है जो माप देने का विरोध करता है या मना करता है,
- यह बिल पुलिस को विश्लेषण के प्रयोजनों के लिए दंड प्रक्रिया संहिता, 1973 की धारा 53 या धारा 53ए में संदर्भित हस्ताक्षर, लिखावट या अन्य व्यवहार संबंधी विशेषताओं को रिकॉर्ड करने के लिए भी अधिकृत करता है।
- विधेयक के अनुसार, दोषी ठहराए गए, गिरफ्तार किए गए या किसी भी निवारक निरोध कानून के तहत पकड़े गए किसी भी व्यक्ति को पुलिस अधिकारी या जेल अधिकारी को “माप” प्रदान करने की आवश्यकता होगी।
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