असम, नागालैंड, मणिपुर में AFSPA का दायरा कम किया गया
भारत सरकार ने 31 मार्च को असम, मणिपुर और नागालैंड राज्यों में सशस्त्र बल (विशेष अधिकार) अधिनियम (AFSPA) (Armed Forces (Special Powers) Act (AFSPA) के तहत “अशांत क्षेत्रों” (disturbed areas) को कम करने की घोषणा की।
- नागालैंड में, सात जिलों के 15 पुलिस थानों के अधिकार क्षेत्र से AFSPA को हटाया गया है। डिस्टर्ब्ड एरिया नोटिफिकेशन 1995 से पूरे नागालैंड में लागू है।
- असम में, 23 जिलों से AFSPA को पूरी तरह से हटाया गया है और एक जिले को आंशिक रूप से अधिनियम के तहत कवर किया जाएगा।
- मणिपुर के छह जिलों के 15 पुलिस थाना क्षेत्रों को अशांत क्षेत्र अधिसूचना से बाहर रखा जाएगा।
- सभी परिवर्तन 1 अप्रैल से प्रभावी होंगे।
AFSPA के बारे में
- AFSPA पहली बार 1958 में नागा पहाड़ियों में चरमपंथी से निपटने के लिए लागू हुआ था, उसके बाद असम में चरमपंथी गतिविधि के बाद वहां लागू किया गया।
- यह कानून “अशांत क्षेत्रों” में तैनात केंद्रीय सशस्त्र पुलिस बलों को कानून के उल्लंघन में काम करने वाले किसी भी व्यक्ति को मारने, गिरफ्तारी और बिना वारंट के किसी भी परिसर की तलाशी और केंद्र सरकार की मंजूरी के बिना अभियोजन और कानूनी मुकदमों से सुरक्षा की बेलगाम शक्ति देता है।
- वर्तमान में, केंद्रीय गृह मंत्रालय केवल नागालैंड और अरुणाचल प्रदेश के लिए AFSPA का विस्तार करने के लिए समय-समय पर “अशांत क्षेत्र” अधिसूचना जारी करता है, जहां यह तिरप, चांगलांग, लोंगडिंग जिलों और असम की सीमा से लगे नामसाई और महादेवपुर पुलिस स्टेशनों के अंतर्गत आने वाले क्षेत्रों में लागू है।
- मणिपुर और असम के लिए अधिसूचना सम्बंधित राज्य सरकारों द्वारा जारी की जाती है।
- त्रिपुरा ने 2015 में अधिनियम को रद्द कर दिया और मेघालय 27 साल के लिए AFSPA के तहत था, जब तक कि इसे 1 अप्रैल, 2018 से मंत्रालय द्वारा रद्द नहीं किया गया। अधिनियम को असम की सीमा के साथ 20 किलोमीटर के क्षेत्र में लागू किया गया था।
- जम्मू और कश्मीर में एक अलग जम्मू-कश्मीर सशस्त्र बल (विशेष शक्तियां) अधिनियम, 1990 लागू है।
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