अनार की देशी किस्म “भगवा” (Bhagawa) की जीनोम सिक्वेंसिंग

इंडियन काउंसिल फॉर एग्रीकल्चर रिसर्च (ICAR) के तहत राष्ट्रीय अनार अनुसन्धान केंद्र (NRCP), सोलापुर के शोधकर्ताओं की एक टीम ने अनार फल (Pomegranate) की सबसे लोकप्रिय स्वदेशी किस्म, “भगवा” (Bhagawa) की जीनोम सिक्वेंसिंग (genome sequencing) पूरी कर ली है।

अनार जीनोम सीक्वेंसिंग का महत्व

देशी “भगवा” किस्म को जीनोम अनुक्रमण के लिए इसलिए चुना गया था क्योंकि यह पिछले साल लगभग 2.5 मिलियन टन उत्पादन के साथ भारत में अनार के कुल क्षेत्रफल का लगभग 85 प्रतिशत कवर करती है।

छह साल की कड़ी मेहनत की बाद सिक्वेंसिंग ने अनार से संबंधित कई रहस्यों को खोल दिया है, जिसे इसके अत्यधिक पोषण मूल्य और बाजार की मांग में वृद्धि करने में मदद मिलेगी।

जीनोम सिक्वेंसिंग से अनार की “भगवा” किस्म की मिठास, बीज की कोमलता और फलों के रंग के साथ-साथ रोग और कीट प्रतिरोध और फल के विस्तार के लिए जिम्मेदार जीन की पहचान आदि के बारे में जानकारियां प्राप्त हुईं हैं।

जीनोम सिक्वेंसिंग अनार की नई किस्मों को विकसित करने की दिशा में पहला कदम है।

अनार का एक संकीर्ण आनुवंशिक आधार होता है, जिसमें पारंपरिक ब्रीडिंग का समर्थन करने के लिए पब्लिक डोमेन में सीमित जीनोमिक जानकारी उपलब्ध होती है, जो इसके सुधार और नई और बेहतर किस्मों की रिलीज के लिए एक गंभीर बाधा रही है।

इसके अलावा, अनार के पारंपरिक पेड़ ब्रीडिंग में बहुत लंबा समय लगता है ,अक्सर 20 साल से अधिक। इससे एक बेहतर किस्म जारी करने के लिए काफी इंतजार करना पड़ता है।

अनुक्रमण अनार के लिए अवसरों की दुनिया खोलता है।

यह संकर किस्मों को विकसित करने में मदद करेगा और संभावित रूप से जीन संपादन की दिशा में एक महत्वपूर्ण कदम साबित होगा ।

अनार (Punica granatum)

अनार को “अद्भुत फल” भी कहा जाता है।

अनार (Punica granatum) भारत में व्यावसायिक रूप से महत्वपूर्ण फलों में से एक है।

यह ईरान (फारस) का नेटिव (मूल) है (स्रोत: https://nhb.gov.in/model-project-reports/Horticulture%20Crops/Pomegranate/Pomegranate1.htm) ।

भारत अनार के सबसे बड़े उत्पादकों में से एक है। यह भारत में सबसे तेजी से बढ़ने वाली फल फसलों में से एक है, जिसमें पिछले 10 वर्षों में रकबे में 170 प्रतिशत, उत्पादन में 340 प्रतिशत और निर्यात में 264 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई है।

यह सुपर फ्रूट कठोर मौसम की स्थिति, उप-इष्टतम मिट्टी और सिंचाई के पानी की कम उपलब्धता के बावजूद अर्ध-शुष्क उष्णकटिबंधीय क्षेत्रों में किसानों की आय बढ़ाने के लिए महत्वपूर्ण है। कुछ अनुमानों के अनुसार, यह फसल भारत में 25 लाख किसान परिवारों की आजीविका का समर्थन करती है।

वैश्विक स्तर पर, ईरान दुनिया में अनार का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है, जिसका अनुमानित वार्षिक उत्पादन 670,000 टन है।

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