हेली-इंडिया समिट 2022: प्रोजेक्ट संजीवनी की घोषणा

नागरिक विमानन मंत्री श्री ज्योतिरादित्य एम. सिंधिया ने 10 अक्टूबर को शेर-ए-कश्मीर इंटरनेशनल कॉन्फ्रेंस सेंटर, श्रीनगर में ‘हेलीकॉप्टर फॉर लास्ट माइल कनेक्टिविटी’ थीम के साथ चौथे हेली-इंडिया समिट 2022 (4th Heli-India Summit 2022) का उद्घाटन किया।

श्री सिंधिया ने कहा कि देश में हवाई अड्डों की संख्या बढ़कर 141 हो गई है। उन्होंने कहा कि पिछले सात वर्षों में 67 नए हवाई अड्डे जोड़े गए हैं जो नागरिक उड्डयन क्षेत्र में प्रगति में तेज़ी को प्रदर्शित करता है।

शिखर सम्मेलन के दौरान श्री सिंधिया ने कहा कि हेलीकॉप्टरों की विभिन्न भूमिकाएं हैं, जो शहरी संपर्क प्रदान करती हैं। उन्होंने कहा कि हेलीकॉप्टर अब भारत में एक अभिजात वर्ग का विशेषाधिकार नहीं रह गया है, बल्कि ‘सब उड़े, सब जुड़े’ परिकल्पना पर आधारित हो गयी है।

उन्होंने बताया कि हेलीकॉप्टर सेवा की अन्य भूमिका बाढ़, बचाव कार्यों आदि के दौरान आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं और आपदा प्रबंधन की रही है। श्री सिंधिया ने कहा कि जम्मू-कश्मीर ने पीर पंजाल पर्वत श्रृंखला पर हेली-क्रेन (स्काई क्रेन) का उपयोग करके ट्रांसमिशन लाइनों और टावरों को खड़ा करते हुए हेलीकॉप्टर सेवा के सर्वोत्तम उपयोग का एक उदाहरण स्थापित किया है।

प्रोजेक्ट संजीवनी

चौथे हेली-इंडिया समिट 2022 के अवसर पर श्री सिंधिया ने कहा कि ऋषिकेश के अखिल भारतीय आयुर्विज्ञान संस्थान-एम्स में आपातकालीन चिकित्सा सेवाएं प्रदान करने के लिए एक हेलीकॉप्टर तैनात करके प्रोजेक्ट संजीवनी (Project Sanjeevani) नामक एक HEMS प्रमुख परियोजना को इनक्यूबेट करने का निर्णय लिया गया है।

उन्होंने कहा कि, हेलीकॉप्टर 20 मिनट के नोटिस पर अस्पताल में पहुंच जाएगा और इसमें 150 किलोमीटर के दायरे में सेवा प्रदान करेगा। श्री सिंधिया ने कहा कि सरकार का इरादा है कि हेलीकॉप्टरों की गति और गतिशीलता का उपयोग करके देश भर में व्यापक जनसंख्या आधार पर चिकित्सा पहुंच और आपात देखभाल सेवाओं तक पहुंच का विस्तार किया जाए।

उन्होंने कहा कि प्रोजेक्ट संजीवनी से मिली सीख का उपयोग इसकी अवधारणा की व्यवहार्यता, इसके लाभों और जोखिमों का पता लगाने के लिए किया जायेगा और बाद में बड़े संसाधन देने से पहले HEMS पर एक राष्ट्रीय नीति तैयार की जाएगी।

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