स्वदेशी विमान वाहक (IAC) ‘विक्रांत’ की डिलीवरी
भारतीय नौसेना ने 28 जुलाई को कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड (CSL), से स्वदेशी विमान वाहक (Indigenous Aircraft Carrier: IAC) ‘विक्रांत’ (Vikrant) की डिलीवरी लेकर समुद्री इतिहास का निर्माण किया है। भारतीय नौसेना के इन-हाउस डायरेक्टरेट ऑफ़ नेवल डिज़ाइन (DND) द्वारा डिज़ाइन किया गया और शिपिंग मंत्रालय के तहत कोचीन शिपयार्ड लिमिटेड द्वारा निर्मित इस वाहक का नाम भारत के पहले एयरक्राफ्ट कैरियर के नाम पर रखा गया है, जिसने 1971 के युद्ध में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई थी।
- यह विमान वाहक 262 मीटर लंबा है जिसका पूर्ण विस्थापन है लगभग 45,000 टन है और यह अपने पूर्ववर्ती की अपेक्षा बहुत बड़ा और आधुनिक है।
- इस जहाज में 88 मेगावाट बिजली की चार गैस टर्बाइनें लगी हैं और इसकी अधिकतम गति 28 (नौट) समुद्री मील है।
- लगभग 20,000 करोड़ की कुल लागत से निर्मित यह परियोजना रक्षा मंत्रालय और सीएसएल के बीच अनुबंध के तीन चरणों में आगे बढ़ी है, जो क्रमशः मई 2007, दिसंबर 2014 और अक्टूबर 2019 में पूरी हुई हैं।
- जहाज की नींव फरवरी 2009 में रखी गई थी, इसके बाद अगस्त 2013 में इसे लॉन्च किया गया था।
- इस जहाज में कुल मिलाकर 76 प्रतिशत स्वदेशी सामग्री लगी है और यह “आत्मनिर्भर भारत” के लिए देश की खोज का एक आदर्श उदाहरण है जो सरकार की ‘मेक इन इंडिया’ पहल पर जोर देता है।
- यह जहाज स्वदेश निर्मित उन्नत किस्म के हल्के हेलीकाप्टर (ALH) और हल्के लड़ाकू विमान (LCA) के अलावा MIG-29 के लड़ाकू जेट, कामोव-31, MH-60आर और मल्टी रोल हेलीकाप्टरों के साथ 30 विमानों से युक्त एयर विंग के संचालन में सक्षम है।
- STOBAR (शॉर्ट टेक-ऑफ बट, आरेस्टेड लैंडिंग) के रूप में जाना जाने वाले एक नए विमान चालन मोड का उपयोग करते हुए यह IAC विमान को लॉन्चिंग के लिए स्की-जंप और जहाज पर उनकी रिकवरी के लिए ‘ऐरेस्टरवायरों के सेट से सुसज्जित है।