सेना ने उपग्रह संचार के लचीलेपन का परीक्षण करने के लिए ‘स्काईलाइट’ अभ्यास किया

GSAT-7A

भारतीय सेना ने एक जटिल अभ्यास ‘स्काईलाइट’ (Skylight) के दौरान देश भर में तैनात अपनी उपग्रह-आधारित प्रणालियों की ऑपरेशनल रेडिनेस का परीक्षण किया, जिसका उद्देश्य भविष्य के संघर्षों में स्थलीय कनेक्टिविटी बाधित होने की स्थिति में अपनी संचार क्षमताओं की रेजिलिएंस को प्रदर्शित करना था। ‘स्काईलाइट’ (Skylight) कोडनेम अभ्यास के दौरान सेना की उपग्रह संचार संपत्तियों की पूरी श्रृंखला 25 से 29 जुलाई तक सक्रिय रही।

सेना भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन (इसरो) के कई उपग्रहों का उपयोग करती है और विभिन्न प्रकार के सैकड़ों संचार टर्मिनल उनसे जुड़े होते हैं, जिनमें स्थिर, वाहन पर लगे और मानव-पोर्टेबल टर्मिनल शामिल हैं।

आज की तारीख में, भारतीय सेना कई इसरो उपग्रहों की सेवाओं का उपयोग कर रही है क्योंकि उसके पास स्वयं का समर्पित उपग्रह नहीं है।

मार्च 2022 में, रक्षा अधिग्रहण परिषद ने भारतीय सेना के लिए GSAT-7B संचार उपग्रह के प्रस्ताव को मंजूरी दी थी। सेना दिसंबर 2025 तक अपना उपग्रह प्राप्त करने के लिए तैयार है।

इसरो द्वारा निर्मित उन्नत उपग्रहों की GSAT -7 श्रृंखला को महासागरों सहित विशाल विस्तार पर उपयोगकर्ताओं को संचार क्षमता प्रदान करने के लिए डिज़ाइन किया गया है।

GSAT-7B, GSAT-7 श्रृंखला का एक संचार उपग्रह हिस्सा है, जिसे पहली बार 2013 में भारतीय अंतरिक्ष और अनुसंधान संगठन (इसरो) द्वारा लॉन्च किया गया था।

GSAT-7 उपग्रह के प्रक्षेपण ने संचार सेवाओं के लिए इनमारसैट जैसे विदेशी उपग्रहों पर भारतीय नौसेना की निर्भरता को समाप्त कर दिया था।

जियोसिंक्रोनस ट्रांसफर ऑर्बिट में लॉन्च किया गया उपग्रह GSAT-7, जिसे रुक्मिणी भी कहा जाता है, लगभग एक दशक से सशस्त्र बलों के लिए एक शक्तिशाली संचार उपकरण के रूप में उभरा है।

रुक्मिणी इसरो द्वारा विकसित पहला सैन्य उपग्रह था और फ्रेंच गयाना के कौरौ से एरियन 5 ECA रॉकेट के ऊपर लॉन्च किया गया था।

भारत ने वर्ष 2018 में लॉन्च किए गए “इंडियन एंग्री बर्ड” कहे जाने वाले GSAT-7A के साथ GSAT-7 का अनुसरण किया। इस उपग्रह ने भारतीय वायु सेना के लिए संचार उपग्रहों के एक बैंड के निर्माण में मदद की। 2,250 किलोग्राम वजनी सैन्य संचार उपग्रह ने भारतीय वायु सेना की सभी संपत्तियों को जोड़ने में मदद की और फाॅर्स मल्टीप्लाई के रूप में कार्य करता है।

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