सर्वोच्च न्यायालय ने फीफा प्रतिबंध को देखते हुए AIFF के प्रबंधन के लिए गठित CoA को रद्द किया

सुप्रीम कोर्ट ने 22 अगस्त को ऑल इंडिया फुटबॉल फेडरेशन (AIFF) के प्रबंधन को अदालत द्वारा नियुक्त प्रशासकों की समिति (CoA) से वापस लेकर AIFF के प्रशासन को एक कार्यवाहक महासचिव के नेतृत्व में सौंप दिया, यह उम्मीद करते हुए कि खेल की वैश्विक शासी निकाय फीफा अब AIFF से प्रतिबंध हटा देगा

इससे अक्टूबर 2022 में भारत में निर्धारित अंडर-17 महिला विश्व कप का आयोजन का मार्ग प्रशस्त हो सकता है।

शीर्ष अदालत ने AIFF की नई 23-सदस्यीय कार्यकारी परिषद (EC) के चुनाव के लिए राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों का प्रतिनिधित्व करने वाले सदस्य संघों के केवल 36 प्रतिनिधियों को मतदान का अधिकार देते हुए पुरानी चुनाव प्रक्रिया को वापस ले लिया।

न्यायमूर्ति डी.वाई. चंद्रचूड़ ने कहा कि वह अक्टूबर 2022 में भारत को अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी करने के “निर्विवाद महत्व” को ध्यान में रखते हुए अपने आदेशों को संशोधित कर रहा है।

क्या है मामला?

अंतर्राष्ट्रीय फुटबॉल महासंघ ‘फीफा’ (FIFA) ने अखिल भारतीय फुटबॉल महासंघ (AIFF) को 16 अगस्त, 2022 को प्रतिबंधित कर दिया गया था। इसके साथ ही भारत को अक्टूबर 2022 में होने वाले अंडर 17 महिला विश्व कप की मेजबानी के अधिकार से भी मुक्त कर दिया था।

विश्व फुटबॉल की शासी निकाय फीफा ने ‘तीसरे पक्ष’ के हस्तक्षेप का हवाला देकर AIFF पर प्रतिबंध लगा दिया था। फीफा ने कहा कि तीसरे पक्ष का हस्तक्षेप उसके नियमों का गंभीर उल्लंघन है।

हालांकि यह प्रतिबंध, जो अस्थायी है, न केवल अंडर 17 महिला विश्व कप के भारत की मेजबानी को प्रभावित करता , बल्कि भारत द्वारा आयोजित की जाने वाली किसी भी फीफा प्रतियोगिता को भी प्रभावित करता। साथ ही इंडियन सुपर लीग (ISL), I-League (घरेलू) हो या AFC एशियन कप के आयोजन पर भी असर पड़ने की आशंका बढ़ गयी थी।

यह प्रतिबंध AIFF के 85 साल पुराने समृद्ध इतिहास में पहली बार लगा तह।

AIFF पर फीफा प्रतिबंध का खतरा 18 मई से ही मंडरा रहा था, जब सुप्रीम कोर्ट ने AIFF के अध्यक्ष प्रफुल्ल पटेल को दिसंबर 2020 में प्रस्तावित चुनाव नहीं कराने के चलते पद से हटने के लिए मजबूर कर दिया था। साथ ही AIFF के मामलों का प्रबंधन करने के लिए सर्वोच्च न्यायालय के पूर्व न्यायाधीश एआर दवे की अध्यक्षता में तीन सदस्यीय प्रशासकों की समिति (Committee of Administrators: CoA) नियुक्त कर दी थी।

CoA को AIFF के संविधान को राष्ट्रीय खेल संहिता (National Sports Code) और मॉडल दिशानिर्देशों के अनुरूप तैयार करना था।

फीफा क़ानून के अनुसार, इसके सदस्य फेडरेशन को अपने-अपने देशों के कानूनी और राजनीतिक हस्तक्षेप से मुक्त होना चाहिए।

3 अगस्त को, सुप्रीम कोर्ट ने AIFF के लिए अपना चुनाव जल्द से जल्द कराने के लिए एक अंतरिम आदेश पारित किया। इसने राज्य फुटबॉल संघों के 36 प्रतिनिधियों और 36 प्रख्यात पूर्व फुटबॉल खिलाड़ियों से बना एक निर्वाचक मंडल बनाने को भी मंजूरी दी।

6 अगस्त को, फीफा ने तीसरे पक्ष के हस्तक्षेप के कारण AIFF को निलंबित करने की धमकी दी। बाद में 15 अगस्त को, फीफा ने एक बार भारतीय खेल मंत्रालय को सूचित किया कि वह आगामी AIFF चुनावों के लिए निर्वाचक मंडल में व्यक्तिगत सदस्यों को शामिल करने के विरोध में है।

फीफा ने कहा कि निर्वाचक मंडल के सदस्य राज्य फेडरेशन और अन्य संस्थाओं से आने चाहिए।

16 अगस्त को, फीफा ने आधिकारिक तौर पर AIFF को “तीसरे पक्ष के अनुचित प्रभाव” के कारण तत्काल प्रभाव से निलंबित कर दिया।

फीफा के निलंबन का भारतीय फुटबॉल पर व्यापक प्रभाव पड़ेगा। अंडर-17 महिला विश्व कप की मेजबानी का अधिकार गंवाने के अलावा राष्ट्रीय टीमें अंतरराष्ट्रीय मैचों में नहीं खेल पाएंगी। यहां तक कि भारतीय क्लबों को भी महाद्वीपीय टूर्नामेंट में भाग लेने की अनुमति नहीं होगी।

हालांकि भारत ऐसा पहला देश नहीं है जिसके फुटबॉल फेडरेशन को फीफा में प्रतिबंध लगाया गया है। पाकिस्तान, जिम्बाब्वे, केन्या, चाड, बेनिन, कुवैत, इंडोनेशिया, ग्वाटेमाला, नाइजीरिया, इराक, ब्रुनेई पर भी कभी न कभी प्रतिबंध लगाया गया है।

फीफा (FIFA)

फीफा की स्थापना 21 मई 1904 को पेरिस में दुनिया के सबसे लोकप्रिय खेल के आयोजन के उद्देश्य से की गई थी।

इसकी स्थापना अधिनियम पर उस दिन फ्रांस, बेल्जियम, डेनमार्क, नीदरलैंड, स्पेन, स्वीडन और स्विटजरलैंड के प्रतिनिधियों ने हस्ताक्षर किए थे।

error: Content is protected !!