वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRRR)
भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) बैंकिंग सिस्टम से अतिरिक्त तरलता यानी एक्स्ट्रा लिक्विडिटी (कैश) को निकालने के लिए खुले बाजार परिचालन (open market operations: OMO) और विदेशी मुद्रा हस्तक्षेप जैसे इंस्ट्रूमेंट्स का सहारा ले सकता है।
इसके तहत RBI एक्स्ट्रा लिक्विडिटी (कैश) को निकालने के लिए परिवर्तनीय दर रिवर्स रेपो (variable rate reverse repos: VRRR) नीलामी आयोजित करता है।
खुले बाजार परिचालन (OMO) मुख्य रूप से RBI द्वारा उपयोग किया जाने वाला लिक्विडटी मैमेजमेंट इंस्ट्रूमेंट है।
RBI बॉन्ड खरीदकर बैंकिंग सिस्टम में पैसा डालता है, जिससे लिक्विडटी बढ़ती है। इसके विपरीत, बॉन्ड बेचकर, RBI सिस्टम से पैसा निकालता है, जिससे लिक्विडटी कम होती है।
वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRRR) वह ब्याज दर दर्शाता है जिस पर RBI वाणिज्यिक बैंकों से अलग-अलग अवधि के लिए धन उधार लेता है, आमतौर पर 7, 14 और 28 दिनों के स्लॉट में।
RBI वेरिएबल रेट रिवर्स रेपो (VRRR) को रिवर्स रेपो दर से अधिक लेकिन रेपो दर से कम निर्धारित करता है ताकि बैंकों से सरप्लस कैश आकर्षित किया जा सके, जिससे बाजार में लिक्विडटी को रेगुलेटेड किया जा सके।