वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में देश के जीडीपी की विकास दर 13.5 प्रतिशत रही
चालू वित्त वर्ष (2022-23) की पहली तिमाही अप्रैल से जून में देश के सकल घरेलू उत्पाद – GDP की विकास दर 13.5 प्रतिशत रही। इस साल अप्रैल-जून में सकल मूल्य वर्धित (GVA) 12.7 प्रतिशत बढ़कर 34.41 लाख करोड़ रुपये हो गया।
GDP को मूल कीमतों पर सकल मूल्य वर्धित (GVA) के योग के रूप में प्राप्त किया जाता है, जिसमें उत्पादों पर सभी करों को जोड़ा जाता है तथा उत्पादों पर सभी सब्सिडी को घटा दिया जाता है।
सांख्यिकी और कार्यक्रम कार्यान्वयन मंत्रालय (Ministry of Statistics & Programme Implementation) से जारी अंतरिम अनुमानों के अनुसार वित्त वर्ष 2022-23 की पहली तिमाही में कृषि, वानिकी और मत्स्य पालन क्षेत्र में 4 दशमलव 5 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गयी।
विनिर्माण क्षेत्र में 4.8 प्रतिशत और निर्माण क्षेत्र में 16.8 प्रतिशत की वृद्धि हुई। व्यापार, होटल, परिवहन, संचार और प्रसारण से संबंधित सेवाओं के सकल घरेलू उत्पाद में चालू वित्त वर्ष में 25.7 प्रतिशत की वृद्धि दर्ज की गई।
2022-23 की पहली तिमाही में वास्तविक सकल घरेलू उत्पाद (Real GDP) के 36 लाख 85 हजार करोड़ रुपये के स्तर को प्राप्त करने का अनुमान है, जबकि 2011-12 की कीमतों पर पिछले वित्त वर्ष की पहली तिमाही में यह 32 लाख 46 हजार करोड़ रुपये था।
एनएसओ ने कहा कि 2022-23 की पहली तिमाही में मौजूदा कीमतों पर नॉमिनल जीडीपी 64.95 लाख करोड़ रुपये अनुमानित है।
बता दें कि रियल सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) नॉमिनल जीडीपी की तुलना में आर्थिक उत्पादन की एक स्पष्ट तस्वीर देता है क्योंकि रियल जीडीपी मुद्रास्फीति या अपस्फीति के लिए संख्याओं को समायोजित करता है।
वित्त वर्ष 2021-22 की पहली तिमाही में देश के सकल घरेलू उत्पाद में 20.1 प्रतिशत की वृद्धि देखी गई।