वित्त वर्ष 2021-22 में भारत ने 83.57 अरब $ का सबसे अधिक वार्षिक FDI हासिल किया
भारत ने वित्त वर्ष 2021-22 में 83.57 अरब अमेरिकी डॉलर का प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) हासिल किया जो अब तक किसी भी वित्त वर्ष में सबसे अधिक है। वाणिज्य मंत्रालय के मुताबिक इसने यूक्रेन में युद्ध और कोविड-19 महामारी के बावजूद पिछले वर्ष के 1.60 अरब अमेरिकी डॉलर के एफडीआई को पीछे छोड़ दिया है। वित्त वर्ष 2003-04 की तुलना में, जब FDI केवल 4.3 अरब अमेरिकी डॉलर था, भारत के एफडीआई में 20 गुना वृद्धि हुई है।
वित्त वर्ष | FDI की राशि (अरब अमेरिकी डॉलर में) |
2018-19 | 62 |
2019-20 | 74.39 |
2020-21 | 81.97 |
2021-22 | 83.57 |
विनिर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश
भारत विनिर्माण क्षेत्र में विदेशी निवेश के लिए एक पसंदीदा देश के रूप में तेजी से उभर रहा है। पिछले वित्त वर्ष 2020-21 (12.09 अरब अमेरिकी डालर) की तुलना में वित्त वर्ष 2021-22 (21.34 अरब अमेरिकी डॉलर) में विनिर्माण क्षेत्रों में एफडीआई इक्विटी में 76 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
सिंगापुर से सर्वाधिक प्रत्यक्ष विदेशी निवेश
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान भारत में निवेश करने वाले शीर्ष निवेशक देशों के मामले में सिंगापुर 27 प्रतिशत के साथ पहले स्थान पर है। इसके बाद 18 प्रतिशत के साथ अमेरिका दूसरे स्थान पर आता है और 16 प्रतिशत के साथ मॉरीशस तीसरे स्थान पर आता है।
कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर क्षेत्र में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान देश में ‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर’ क्षेत्र में सबसे ज्यादा विदेशी निवेश देखने को मिला है जहां करीब 25 प्रतिशत हिस्सेदारी के साथ क्रमशः सेवा क्षेत्र (12 प्रतिशत) और ऑटोमोबाइल उद्योग (12 प्रतिशत) का स्थान है।
‘कंप्यूटर सॉफ्टवेयर और हार्डवेयर’ क्षेत्र के तहत, वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सबसे ज्यादा एफडीआई 53 प्रतिशत कर्नाटक में आया तो दिल्ली में 17 प्रतिशत, और महाराष्ट्र में भी 17 प्रतिशत रहा।
सबसे ज्यादा FDI प्राप्त करने वाला राज्य कर्नाटक
वित्त वर्ष 2021-22 के दौरान सबसे ज्यादा एफडीआई प्राप्त करने वाला राज्य कर्नाटक है जहां 38 प्रतिशत एफडीआई आया है। इसके बाद 26 प्रतिशत के साथ महाराष्ट्र और 14 प्रतिशत के साथ दिल्ली का स्थान है।
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