लंदन में सीवेज में मिले वैक्सीन-जनित पोलियोवायरस टाइप 2 (VDPV2) के नमूने
यूनाइटेड किंगडम हेल्थ सिक्योरिटी एजेंसी (UKHSA) ने घोषणा की है कि ब्रिटिश राजधानी लंदन के पूर्वी हिस्से में लंदन बेकटन सीवेज ट्रीटमेंट वर्क्स से सीवेज के नमूनों में टाइप 2 वैक्सीन-जनित पोलियोवायरस (vaccine-derived poliovirus: VDPV2) का पता चला है।
यूनाइटेड किंगडम में इंजेक्शन द्वारा निष्क्रिय पोलियोवायरस वैक्सीन दी जाती है, जो मल में नहीं बहाया जाता है। हालांकि, कई देश अभी ओरल पोलियो वैक्सीन देता है, जिसमें वायरस का हल्का रूप होता है जो मल में पाया जा सकता है और इस प्रकार सीवेज सिस्टम में पाया जा सकता है।
टीका-जनित पोलियोवायरस (VDPV) के बारे में
टीका-जनित पोलियोवायरस (VDPV) कमजोर पोलियोवायरस का एक प्रकार है जिसे शुरू में ओरल पोलियो वैक्सीन (oral polio vaccine: OPV) में शामिल किया गया था।
बाद में यह कमजोर वायरस समय के साथ रूप बदल लेता है और वाइल्ड या नेचुरल रूप से होने वाले वायरस की तरह व्यवहार करता है।
इसका मतलब यह है कि यह उन लोगों में अधिक आसानी से फैल सकता है जो पोलियो के खिलाफ टीकाकरण नहीं करवाते हैं और जो संक्रमित व्यक्ति के छींक से मल या श्वसन स्राव के संपर्क में आते हैं।
ये वायरस पक्षाघात (paralysis) सहित बीमारी का कारण बन सकते हैं।
इस कारण से, पोलियो के वैश्विक उन्मूलन के लिए आवश्यक है कि वाइल्ड पोलियोवायरस (WPV) संक्रमण के उन्मूलन के बाद जितनी जल्दी हो सके, नियमित टीकाकरण में सभी ओपीवी (oral polio vaccine: OPV) को रोक दिया जाए।
भारत में भी OPV पिलायी जाती है।
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