भारत ने अहम पड़ाव हासिल किया, अब तक 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स मान्य
केंद्रीय वाणिज्य एवं उद्योग मंत्री श्री पीयूष गोयल ने 3 अगस्त को घोषणा की कि भारत ने एक अहम पड़ाव हासिल कर लिया है, जिसके मद्देनजर देश में 75,000 से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्य किया गया है। उन्होंने कहा कि यह संख्या परिकल्पना-शक्ति को साबित करती है; एक ऐसी परिकल्पना, जो नवाचार और उद्यमिता आधारित विकास के बारे में हो।
उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (DPIT) ने 75 हजार से अधिक स्टार्ट-अप्स को मान्यता प्रदान की है, जो आजादी के 75 वर्ष होने के क्रम में मील का पत्थर है।
भारत जब आजादी का अमृत महोत्सव मना रहा है, तो इसी दौरान नवोन्मेष, उत्साह और उद्यमी भावना भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम को लगातार गति प्रदान कर रही है।
स्टार्ट-अप इंडिया कार्यक्रम, जिसे प्रमुख रूप से स्टार्ट-अप के लिये सकारात्मक माहौल उपलब्ध कराने के लिये शुरू किया गया था, वह आज स्टार्ट-अप्स के लिये लॉन्च-पैड के रूप में तैयार हो गया है।
कुल मान्यता-प्राप्त स्टार्ट-अप्स में से लगभग 12 प्रतिशत आईटी सेवाओं की, नौ प्रतिशत स्वास्थ्य-सुविधा और जीव विज्ञान की, सात प्रतिशत शिक्षा की, पांच प्रतिशत व्यावसायिक और वाणिज्यिक सेवाओं की और पांच प्रतिशत कृषि की जरूरतों से सम्बंधित हैं। भारतीय स्टार्ट-अप इको-सिस्टम ने 7.46 लाख रोजगार पैदा किये हैं, और इसमें गत 6 वर्षों में सालाना 110 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।