बायोटेक पहल के लिए 75 “अमृत” अनुदानों की घोषणा 

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी राज्य मंत्री एवं पृथ्वी विज्ञान राज्य मंत्री (स्वतंत्र प्रभार) डॉ. जितेंद्र सिंह ने एकीकृत सहयोग में स्टार्टअप, उद्योग, शिक्षा और अनुसंधान निकायों से जुडी जैव प्रौद्योगिक (बायोटेक) पहलों के लिए 75 “अमृत” अनुदान (Amrit Grants for Biotech initiatives) की घोषणा की।

जैव प्रौद्योगिकी विभाग – जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (DBT-BIRAC) की यह 75 अमृत टीम अनुदान पहल “जय अनुसंधान” के आह्वान को बढ़ावा देगी।

जैव प्रौद्योगिकी (बायोटेक) क्षेत्र के सभी डोमेन विशिष्ट क्षेत्रों में उच्च जोखिम, महत्वाकांक्षी अनुसंधान विचारों, कीर्तिमान संचालित सहयोगी अनुसंधान के लिए 75 अंतर-अनुशासनात्मक, बहु-संस्थागत अनुदानों का समर्थन किया जाएगा।

स्टार्टअप, उद्योग, अकादमिक और अनुसंधान निकाय सार्वजनिक-निजी भागीदारी प्रारूप (पीपीपी मोड में) अपनी टीम साइंस ग्रांट बना सकते हैं जिससे कि अंतर-अनुशासनात्मक, उच्च गुणवत्ता वाले अनुसंधान के लिए दो से तीन साल की अवधि में 10-15 करोड़ रुपये का अनुदान प्राप्त किया जा सके।

इस पहल के माध्यम से सामाजिक जरूरतों के लिए ज्ञान आधारित खोज समाधान; वैज्ञानिक मूल्य और प्रभाव की परिवर्तनकारी प्रगति समग्र लक्ष्य प्राप्त किया जाएगा साथ ही यह एक समान वैश्विक भागीदार के रूप में भारत के उभरने में भी योगदान दे रहा है।

डॉ. जितेंद्र सिंह ने कहा कि भारत की जैव अर्थव्यवस्था 2025 तक 70 अरब डॉलर से बढ़कर 150 अरब डॉलर हो जाएगी और इसे जैव प्रौद्योगिकी क्षेत्र में सभी हितधारकों की सक्रिय भागीदारी से ही हासिल किया जा सकता है।

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