फ्लोटिंग सीमा चौकियां (BOP) और मैत्री संग्रहालय
केन्द्रीय गृह मंत्री श्री अमित शाह ने 5 मई को भारत-बांग्लादेश सीमा पर सुंदरबन के दुर्गम क्षेत्र की सुरक्षा के लिए बनवाई गयी नर्मदा, सतलुज व कावेरी फ्लोटिंग सीमा चौकियों (floating Border Outposts: BOP) का उद्घाटन किया। श्री अमित शाह ने फ्लोटिंग बोट एम्बुलेंस को फ्लेग ऑफ किया और मैत्री संग्रहालय (Maitri Sangrahalaya) की आधारशिला रखी।
फ्लोटिंग सीमा चौकियों का निर्माण
- कोच्चि शिपयार्ड ने फ्लोटिंग सीमा चौकियों का निर्माण किया है। एक बीओपी की लागत 38 करोड़ रुपये है और इसका वजन लगभग 53000 मेट्रिक टन है।
- सभी आधुनिक सुविधाओं और सुरक्षा उपकरणों से लैस इन BOP के अगले हिस्से को जवानों की सुरक्षा के लिए बुलेट प्रूफ बनाया गया है।
- साथ ही खाने पीने की भरपूर चीजों की व्यवस्था भी की गई है। यह बीओपी एक महीने तक पेट्रोल और डीजल लिए बगैर DG सेट के साथ तैरती रह सकती है।
मैत्री संग्रहालय (Maitri Sangrahalaya)
- मैत्री संग्रहालय (Maitri Sangrahalaya) की आधारशिला भारत-बांग्लादेश सीमा के पास सुंदरबन के नजदीक रखी गयी है। उन्होने कहा कि भारत ने हमेशा पूरे विश्व में मानव अधिकारों की सुरक्षा पर बल दिया है।
- 1970 के दशक में जब हमारे पड़ोसी देश में मानव अधिकारों का हनन हुआ और घोर अत्याचार किए गए। उस वक्त बीएसएफ और सेना दोनों ने मिलकर उस क्षेत्र में बड़ी वीरता के साथ मानव अधिकारों की रक्षा की। आज इस बात को 50 साल हो गए हैं और इस स्वर्ण जयंती वर्ष में इसकी एक चिरकालीन स्मृति बनाने के लिए यहां पर एक मैत्री संग्राहलय लगाने का निर्णय किया है।
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