‘पुनीत सागर अभियान’ के लिए NCC और UNEP ने समझौता ज्ञापन किए
राष्ट्रीय कैडेट कोर (NCC) और संयुक्त राष्ट्र पर्यावरण कार्यक्रम (UNEP) ने प्लास्टिक प्रदूषण के मुद्दे से निपटने और ‘पुनीत सागर अभियान’ और ‘टाइड टर्नर्स प्लास्टिक चैलेंज प्रोग्राम’ (Tide Turners Plastic Challenge programme) के माध्यम से स्वच्छ जल निकायों का सार्वभौमिक लक्ष्य हासिल करने के लिए 22 सितंबर, 2022 को नई दिल्ली में रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह की उपस्थिति में एक समझौता ज्ञापन (MoU) पर हस्ताक्षर किए।
पुनीत सागर अभियान’ – एक टाइड टर्नर के बढ़ते समर्थन और सफलता के बाद अपने ‘टाइड टर्नर चैलेंज प्रोग्राम’ के माध्यम से इस पहल में लगे UNEP ने युवा संगठन की ताकत का लाभ उठाने के उद्देश्य से एनसीसी के साथ हाथ मिलाने का फैसला किया।
प्लास्टिक प्रदूषण सहित पर्यावरण से संबंधित विभिन्न मुद्दों के समाधान के लिए संयुक्त राष्ट्र निकाय के पास जनादेश और ज्ञान है और युवाओं को इस अभियान से जोड़ने के लिए एक कार्यक्रम है।
NCC और UNEP के बीच समझौता ज्ञापन का उद्देश्य स्वच्छ जल निकायों को बढ़ावा देने के लिए युवाओं को शामिल करने की दिशा में प्रयास करना और तालमेल बिठाना है।
पांच अमृत
‘पुनीत सागर अभियान’ प्रधानमंत्री के दृष्टिकोण को साकार करने के लिए सरकार द्वारा की गई पहलों में से एक है, जिसे उन्होंने स्कॉटलैंड के ग्लासगो में आयोजित 26वें संयुक्त राष्ट्र जलवायु परिवर्तन सम्मेलन, COP-26 के दौरान ‘पंचामृत’ के रूप में बताया था।
31 अक्टूबर से 13 नवंबर, 2021 के बीच प्रधानमंत्री ने पांच अमृत तत्वों को जलवायु परिवर्तन से निपटने में भारत के अभूतपूर्व योगदान के रूप में पेश किया था। यह तत्व हैं:
-भारत 2030 तक अपनी गैर-जीवाश्म ऊर्जा क्षमता को 500 गीगा वॉट तक ले जाएगा
-भारत 2030 तक अपनी ऊर्जा आवश्यकताओं का 50 प्रतिशत नवीकरणीय ऊर्जा से पूरा करेगा
-भारत अब से 2030 तक कुल अनुमानित कार्बन उत्सर्जन में एक अरब टन की कमी करेगा
-2030 तक भारत अपनी अर्थव्यवस्था की कार्बन तीव्रता को 45 प्रतिशत से अधिक कम कर देगा
-2070 तक भारत नेट जीरो का लक्ष्य हासिल कर लेगा।