नेट जीरो उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करने से भारत की जीडीपी में 4.7% वृद्धि हो सकती है
‘गेटिंग इंडिया टू नेट ज़ीरो’ (Getting India to Net Zero) रिपोर्ट 26 अगस्त को नई दिल्ली में ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधान मंत्री केविन रुड और अन्य लोगों द्वारा जारी की गई ।
यह रिपोर्ट एक स्वतंत्र आयोग द्वारा जारी की गयी जिनमे ऑस्ट्रेलिया के पूर्व प्रधान मंत्री केविन रुड, संयुक्त राष्ट्र के पूर्व महासचिव और ग्लोबल ग्रीन ग्रोथ इंस्टीट्यूट के अध्यक्ष बान की-मून, अंतर्राष्ट्रीय वित्त निगम के प्रमुख और जलवायु व्यवसाय के निदेशक विवेक पाठक और पूर्व भारतीय विदेश सचिव श्याम सरन शामिल हैं ।
रिपोर्ट के अनुसार, यदि भारत वर्ष 2070 तक शुद्ध-शून्य उत्सर्जन लक्ष्य हासिल करना चाहता है तो उसे 10.1 ट्रिलियन डॉलर के व्यापक निवेश की आवश्यकता होगी।
इस लक्ष्य को वर्ष 2050 तक पूरा करने के लिए आवश्यक निवेश $ 13.5 ट्रिलियन होगा। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि 2070 तक शुद्ध-शून्य प्राप्त करने से 2036 तक वार्षिक सकल घरेलू उत्पाद में 4.7% ($371 billion) तक की वृद्धि होगी और 2047 तक रोजगार के 15 मिलियन नए अवसर पैदा होंगे।
हालांकि रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि यदि 2050 तक नेट जीरो लक्ष्य तक पहुंचने से अधिक लाभ होगा और यह भारत के सकल घरेलू उत्पाद में 7.3% ($470 billion) तक की वृद्धि कर सकती है और 2032 तक 20 मिलियन नई नौकरियां पैदा होंगी।
रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत में उत्सर्जन वर्ष 2030 तक चरम स्तर को प्राप्त कर लेगा।