क्वॉड (QUAD) के शीर्ष नेतृत्व की वर्चुअल शिखर-वार्ता 2022
प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने 3 मार्च 2022 को अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन, ऑस्ट्रेलिया के प्रधानमंत्री स्कॉट मॉरिसन और जापान के प्रधानमंत्री फूमियो किशीदा के साथ क्वॉड के शीर्ष नेतृत्व की वर्चुअल शिखर-वार्ता में हिस्सा लिया।
- इस शिखर-वार्ता में सितंबर 2021 को आहूत क्वॉड शिखर-वार्ता के बाद क्वॉड की पहलों पर हुई प्रगति की समीक्षा की गई। सभी राष्ट्राध्यक्षों ने इस वर्ष के अंत में जापान में होने वाली शिखर-वार्ता के आयोजन तक ठोस नतीजे प्राप्त करने के उद्देश्य से सहयोग बढ़ाने पर सहमति जताई।
- प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी ने कहा कि क्वॉड को हिन्द-प्रशांत क्षेत्र में शांति, स्थिरता और समृद्धि को प्रोत्साहन देने के मुख्य उद्देश्य पर ध्यान देना चाहिये। उन्होंने मानवीय और आपदा राहत, ऋण वहनीयता, आपूर्ति श्रृंखला, स्वच्छ ऊर्जा, संपर्कता और क्षमता-निर्माण जैसे क्षेत्रों में क्वॉड में आंतरिक सहयोग के ठोस तथा व्यावहारिक स्वरूप का आह्वान किया।
क्या है क्वाड (QUAD)?
- ‘चतुष्पक्षीय सुरक्षा वार्ता’ (Quadrilateral Security Dialogue: QSD) के रूप में जाना जाने वाला, क्वाड एक अनौपचारिक रणनीतिक मंच है जिसमें चार राष्ट्र शामिल हैं, अर्थात् – संयुक्त राज्य अमेरिका (यूएसए), भारत, ऑस्ट्रेलिया और जापान। क्वाड के प्राथमिक उद्देश्यों में से एक स्वतंत्र, खुले, समृद्ध और समावेशी हिंद-प्रशांत क्षेत्र के लिए काम करना है।
- इस समूह की पहली बैठक 2007 में दक्षिण पूर्व एशियाई राष्ट्र संघ (आसियान) के इतर हुई थी। इसे समुद्री लोकतंत्रों का गठबंधन माना जाता है, और मंच की निरंतरता सभी सदस्य देशों की बैठकों, अर्ध-नियमित शिखर सम्मेलनों, सूचना आदान-प्रदान और सैन्य अभ्यास द्वारा किया जाता है।
- वास्तव में, इसकी उत्पत्ति का पता मालाबार अभ्यास और 2004 की सुनामी के विकास से लगाया जा सकता है जब भारत ने अपने और पड़ोसी देशों के लिए राहत और बचाव अभियान चलाया और बाद में अमेरिका, जापान और ऑस्ट्रेलिया इससे जुड़ गया। इसलिए, चीन ने क्वाड के सदस्यों को अपना औपचारिक राजनयिक विरोध जताया।
- वर्ष 2007 में इसकी स्थापना के बाद से, चार सदस्यीय देशों के प्रतिनिधि समय-समय पर मिलते रहे हैं। जापानी प्रधान मंत्री शिंजो आबे ने 2007 में क्वाड के गठन के लिए विचार व्यक्त करने वाले पहले व्यक्ति थे।
- मार्च 2021 में, अमेरिकी राष्ट्रपति जो बाइडेन ने आभासी प्रारूप में क्वाड नेताओं के पहले शिखर सम्मेलन की मेजबानी की। इस सम्मेलन ने हिन्द-प्रशांत क्षेत्र के लिए प्रयास करने का संकल्प लिया जो स्वतंत्र, खुला, समावेशी, लोकतांत्रिक मूल्यों से जुड़ा हो और जबरन या एकपक्षीय कार्रवाई प्रतिबंधित हो, जो चीन को एक स्पष्ट संदेश भेज रहा हो।
क्वाड के सिद्धांत
- क्वाड के पीछे का मकसद हिंद-प्रशांत (Indo-Pacific) में रणनीतिक समुद्री मार्गों को किसी भी सैन्य या राजनीतिक प्रभाव से मुक्त रखना है। इसे मूल रूप से चीनी वर्चस्व को कम करने के लिए एक रणनीतिक समूह के रूप में देखा जाता है।
- क्वाड का मुख्य उद्देश्य नियम-आधारित वैश्विक व्यवस्था, नेविगेशन की स्वतंत्रता और एक उदार व्यापार प्रणाली को सुरक्षित करना है।
- गठबंधन का उद्देश्य हिंद-प्रशांत क्षेत्र के देशों के लिए वैकल्पिक ऋण वित्तपोषण की पेशकश करना भी है।
- क्वाड नेताओं ने महत्वपूर्ण और उभरती प्रौद्योगिकियों, कनेक्टिविटी और बुनियादी ढांचे, साइबर सुरक्षा, समुद्री सुरक्षा, मानवीय सहायता, आपदा राहत, जलवायु परिवर्तन, महामारी और शिक्षा जैसे समकालीन वैश्विक मुद्दों पर विचारों का आदान-प्रदान किया।