कृषि मंत्रालय ने लम्पी स्किन रोग से बचाव हेतु स्वदेशी वैक्सीन ‘लम्पी- प्रो वैक-इंड’ लांच की
देश के पशुधन के लिए बड़ी राहत प्रदान करते हुए केंद्रीय कृषि एवं किसान कल्याण मंत्रालय ने 10 अगस्त को पशुओं को लम्पी स्किन रोग से बचाव हेतु स्वदेशी वैक्सीन ‘लम्पी- प्रो वैक-इंड/ Lumpi-ProVacInd)’ लांच की।
यह वैक्सीन राष्ट्रीय अश्व अनुसंधान केंद्र, हिसार (हरियाणा) ने भारतीय पशु चिकित्सा अनुसंधान संस्थान, इज्जतनगर (बरेली) के सहयोग से बनाई है। वर्ष 2019 में जब से यह बीमारी भारत में आई, तब से ही संस्थान वैक्सीन विकसित करने में जुटे थे।
लम्पी स्किन रोग के बारे में
लम्पी स्किन रोग (Lumpy Skin disease) का संक्रमण कैप्रीपॉक्स वायरस (Capripox virus) के कारण होता है – जो आनुवंशिक रूप से उन वायरस के समान है जो बकरी के चेचक और भेड़ के चेचक का कारण बनते हैं।
गावी वैक्सीन एलायंस ने इसे “दुनिया भर में पशुधन के लिए एक उभरता खतरा” कहा है। विशेषज्ञों ने कहा है कि भैंसों की तुलना में गायों के संक्रमित होने की आशंका अधिक है।
यह रोग कई अफ्रीकी देशों में वर्षों से स्थानिक/एंडेमिक था, और बाद के वर्षों से दुनिया के अन्य हिस्सों में फैल गया है।
FAO की एक रिपोर्ट के अनुसार, यह बीमारी पहली बार जुलाई 2019 में दक्षिण एशिया में सामने आई थी, जिसमें बांग्लादेश ने प्रकोप की सूचना दी थी। एक महीने बाद, इसकी भारत में यह फ़ैल गयी जहाँ दुनिया की सबसे बड़ी गोजातीय आबादी है।
संक्रमण आमतौर पर मच्छरों की कुछ प्रजातियों, टिक्स और अन्य रक्त-पान करने वाले कीड़ों द्वारा फैलता है।