‘द कोहॉर्ट ऑन इलेक्शन इंटीग्रिटी’ अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन
भारत के चुनाव आयोग (ECI) ने ‘प्रौद्योगिकी और चुनाव सत्यनिष्ठा का उपयोग’ (Use of Technology & Elections Integrity) विषय पर 23-24 जनवरी को नई दिल्ली में दो दिवसीय अंतर्राष्ट्रीय सम्मेलन की मेजबानी की।
द कोहॉर्ट ऑन इलेक्शन इंटीग्रिटी
- भारत के चुनाव आयोग द्वारा आयोजित किए जाने वाले तीन सम्मेलनों की श्रृंखला में दूसरा सम्मेलन नई दिल्ली में ECI के नेतृत्व में “चुनाव सत्यनिष्ठा पर कोहोर्ट” (Cohort on ‘Elections Integrity) के तहत आयोजित किया गया।
- बता दें कि द कोहॉर्ट ऑन इलेक्शन इंटीग्रिटी की स्थापना “समिट फॉर डेमोक्रेसी-ईयर ऑफ एक्शन प्रोग्राम” (Summit for Democracy – Year of Action Programme) के तहत की गयी है जिसकी स्थापना अमेरिका ने की है।
- 9-10 दिसंबर, 2021 को, अमेरिकी राष्ट्रपति बाइडेन ने लोकतंत्र के लिए दो शिखर सम्मेलनों (Summit for Democracy) में से पहला आयोजन किया, जिसमें सरकार, नागरिक समाज और निजी क्षेत्र के नेताओं को एक साथ लाया गया ताकि लोकतांत्रिक नवीकरण के लिए एक सकारात्मक एजेंडा तैयार किया जा सके।
नयी दिल्ली सम्मेलन के दौरान उठाये गए मुद्दे
- दुनिया भर के चुनावों में डीप फेक (deep fakes) एक नयी चिंता बनकर उभरी है, जहाँ विघटनकारी तत्व आम धारणा को बदलने का प्रयास करते हैं और यूजर्स को बार-बार गलत को “तथ्य” के रूप में प्रस्तुत करके भ्रमित करते हैं।
- डीप फेक एक प्रकार की आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस है, जिसका इस्तेमाल यकीन दिलाने वाली तस्वीरें, ऑडियो और वीडियो बनाने के लिए किया जाता है। इसमें किसी व्यक्ति के इमेज और वीडियो को इस रूप में प्रस्तुत किया जाता है मानो वास्तविक व्यक्ति के द्वारा कहा गया तथ्य है जबकि हकीकत में ऐसा नहीं होता।
- सोशल मीडिया मध्यवर्ती अपनी एल्गोरिदम शक्ति और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस के माध्यम से सक्रिय रूप से डीप फेक का पता लगाने की क्षमता रखते हैं,, विशेष रूप से भारत के संप्रभु क्षेत्र में, जहां चुनावी चक्र निश्चित और अच्छी तरह से घोषित होते हैं।
चुनाव में प्रौद्योगिकी: भारत की पहल
- किसी भी चुनाव प्रबंधन निकाय (EMB) की सफलता तीन व्यापक कार्यक्षेत्रों में उपयुक्त टेक्नोलॉजी को लागू करने पर निर्भर करती है – 1. मतदाताओं के लिए पंजीकरण में आसानी, 2. राजनीतिक दलों और उम्मीदवारों की मदद और 3. चुनाव प्रबंधन और लॉजिस्टिक्स /सुरक्षा के लिए।
- भारत के चुनाव आयोग ने इस क्षेत्र में कई कदम उठाए हैं; cVigil ,दिव्यांगों के लिए सक्षम ऐप और एक मिलियन से अधिक मतदान केंद्रों में बैटरी संचालित बिना-नेटवर्क वाले इलेक्ट्रॉनिक वोटिंग मशीन का उपयोग जिसने मतदाताओं को सशक्त बनाया है और चुनाव के बाद चुनाव के त्वरित और विश्वसनीय चुनावी परिणाम सुनिश्चित किए हैं।